(Pi Bureau)
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पिछले कई सालों से फरार चल रहे कथित स्वयंभू संत वीरेंद्र देव दीक्षित के रोहिणी स्थित आश्रम में रहने वाली महिलाओं के कल्याण और अधिकारों के संरक्षण की निगरानी के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी (Former IPS Officer Kiran Bedi) की देखरेख में एक कमेटी का गठन किया है।
रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में मामलों की स्थिति से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि संस्था अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होगी और कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि किसी महिला या आश्रम में बच्चे, यदि कोई हों तो उनके साथ ऐसा व्यवहार न किया जाए जो उनके मौलिक या कानूनी अधिकारों का उल्लंघन हो।
बेंच ने आदेश दिया कि संबंधित जिला न्यायाधीश कमेटी के अध्यक्ष और स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस उपायुक्त (महिलाओं के खिलाफ अपराध प्रकोष्ठ), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के एक नामित व्यक्ति और जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के जिले के अधिकारी इसके सदस्य होंगे।
बेंच में जस्टिस नवीन चावला भी शामिल हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि कमेटी के कामकाज की निगरानी किरण बेदी द्वारा की जाएगी.. कमेटी यह देखने और सुनिश्चित करने के लिए कार्य करेगी कि प्रतिवादी संस्थान में रहने वाली कोई भी महिला या बच्चा ऐसी किसी भी तरह के व्यवहार के अधीन नहीं है, जो उनके मौलिक या अन्य कानूनी अधिकारों के उल्लंघन के समान हो सकता है।
बेंच ने कहा कि साथ ही, हम यह स्पष्ट करते हैं कि संस्था अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होगी, बशर्ते उनमें से कोई भी वहां रहने वालों या किसी अन्य व्यक्ति के मौलिक और अन्य अधिकारों का उल्लंघन न करे। अदालत ने पहले आश्रम के प्रबंधन पर हैरानी व्यक्त की थी, आश्रम में कई महिलाओं के “पशु जैसी स्थिति” में रहने के बारे में बताया गया था।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कमेटी को आश्रम में रह रही महिलाओं के हितों के लिए डॉक्टरों मनोवैज्ञानिकों सहित किसी भी तरह की सुविधाओं इस्तेमाल की अनुमति दी है। साथ ही दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है वह कमेटी को पूरी सुविधा मुहैया कराए। इस मामले में अगली सुनवाई 27 मई को होगी।