(Pi Bureau)
महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को विशेष अदालत से बुधवार को सशर्त जमानत मिलने के बाद आज नवनीत राणा को भायखला जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि हनुमान चालीसा पाठ मामले में एक कथित राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी के लगभग दो सप्ताह बाद, महाराष्ट्र के अमरावती सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को बुधवार को एक विशेष अदालत से सशर्त जमानत दे दी गई थी। हालांकि, दोनों को तुरंत जेल से रिहा नहीं किया गया। इसका आदेश गुरुवार को जारी किया गया।
राणा दंपती के खिलाफ बीएमसी ने खोला मोर्चा
इस बीच यह भी खबर है कि राणा दंपती के खिलाफ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने भी मोर्चा खोल दिया है। बीएमसी की एक टीम ने बुधवार को उपनगर खार में नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा के घर का बीएमसी की एक टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन अपार्टमेंट में ताला लगा हुआ था। बता दें कि 2 मई को बीएमसी को अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर सोसायटी और आठवीं मंजिल पर रहने वाले लोगों को नोटिस जारी किया गया था।
राणा दंपती को गिरफ्तार कर लगी राजद्रोह की धारा
नवनीत राणा की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें इससे पहले भायखला जेल से जे जे अस्पताल भी ले जाया गया था और इलाज के बाद वापस जेल भेज दिया गया था। गौरतलब है कि सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। हालांकि राणा दंपती ने प्रधानमंत्री की प्रस्तावित मुंबई यात्रा को लेकर अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया था, लेकिन पुलिस ने उसी दिन राणा दंपती को गिरफ्तार कर उन पर राजद्रोह की धारा भी लगा दी थी।
विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने दोनों को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी है। दंपती से कहा गया है कि रिहा होने के बाद वे सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और जांच में सहयोग करेंगे। कोर्ट ने राणा दंपत्ति को इस मामले में मीडिया से बात नहीं करने को कहा है और कहा है कि वे दोबारा इस तरह के किसी विवाद में नहीं फंसेंगे। राणा दंपती के वकीलों ने कहा कि जमानत से जुड़े जरूरी दस्तावेज समय पर जेल नहीं पहुंच पाए, इस वजह से बुधवार को उनकी रिहाई नहीं हो सकी।