(Pi Bureau) नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नवंबर में कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाल लेंगे। संगठन चुनाव के घोषित कार्यक्रम के मुताबिक अक्टूबर महीने के अंत तक राहुल को अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल लेनी थी लेकिन अब ये मुमकिन नहीं लग रहा। अब तक चुनाव की तारीखों पर मुहर लगाने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक तक नहीं बुलाई जा सकी है। सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के चुनाव ने राहुल गांधी की ताजपोशी में देरी की है।
हिमाचल प्रदेश में चुनाव ने अध्यक्ष पद पर राहुल की ताजपोशी की गाड़ी लेट कर दी है। पार्टी को लगता है कि राहुल के अध्यक्ष घोषित होते ही हिमाचल और गुजरात के जिम्मेदार नेता और कार्यकर्ता दिल्ली कूच कर देंगे जिससे चुनावी तैयारी रुक जाएगी। पूर्व घोषित तारीखों के मुताबिक इस महीने के आखिर तक चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जानी थी लेकिन अब ये संभव नहीं है। चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए शेड्यूल सौंप दिया है।
परंपरा के मुताबिक पार्टी कार्यसमिति की बैठक इस पर मुहर लगाएगी और फिर चुनाव घोषित होगा। कार्यसमिति की बैठक के बाद भी राहुल के चयन में लगभग 10 दिन का वक़्त लगेगा।तो अब ये तय है कि राहुल नवंबर में ही अध्यक्ष बनेंगे।
चुनाव प्राधिकरण चाहता था कि दिवाली बाद तुरंत ही कार्यसमिति की बैठक बुलाकर चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया जाए और 31 अक्टूबर तक राहुल का चयन हो जाये। कुछ नेता राहुल का चयन हिमाचल प्रदेश की वोटिंग जो 9 नवम्बर को होनी है उसके बाद और गुजरात चुनाव से पहले चाहते हैं। अब गेंद सोनिया गांधी के पाले में है।
बताया जा रहा है कि श्रीमती गांधी गुरुवार को शिमला में थीं। वह छराबड़ा में प्रियंका गांधी के घर के निर्माण कार्य का जायजा लेने शिमला आई थीं। यहां वह कुफरी के वाइल्ड फ्लावर होटल में ठहरी थीं। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है।
इससे पहले मार्च में भी सोनिया गांधी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से काफी जूझना पड़ा था। खराब तबियत की वजह से वह उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों के दौरान भारत में मौजूद भी नहीं रहीं। इसके अलावा सोनिया गांधी इन चुनावों के प्रचार से भी दूर रही थीं। इलाज के लिए उन्हें विदेश रवाना होना पड़ा था।