(Pi Bureau)
आजम खां को सांस लेने में तकलीफ होने पर शनिवार रात उनके बेटे अब्दुल्ला आजम अस्पताल लेकर गए थे। सीतापुर जेल से बाहर आने के बाद अपनी स्थिति ठीक नहीं होने के बारे में आजम खां ने खुद ही मीडिया के सामने बात रखी थी। साथ ही इसी के चलते अखिलेश यादव की बुलाई गई बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे।
आजम खां अभी 20 मई को सीतापुर जेल से बाहर आए हैं। उन पर मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जाने समेत चोरी, डकैती और अन्य धाराओं में 89 मुकदमे विचाराधीन हैं। 27 महीने सीतापुर जेल में रहने के बाद वह रिहा हुए हैं। जेल में रहने के दौरान भी आजम खांं की तबीयत खराब हुई थी। पिछले साल यानी मई 2021 में आजम खां को कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया था। साथ ही उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई थी। इसके चलते आजम खां को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान ही उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया था। इसके चलते करीब डेढ़ महीने तक आजम खां को अस्पताल में रखा गया था और उनका इलाज चला था। इस दौरान उनकी हालत कई बार गंभीर भी हो गई थी लेकिन, डॉक्टरों ने स्थिति को संभाल लिया था। पूरी तरह से उनकी हालत ठीक होने पर उनको अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। जिसके बाद उन्हें फिर से सीतापुर जेल भेज दिया गया था।
आजम खां के खिलाफ 89 मामले विचाराधीन हैं। इन सभी मामलों में जमानत मंजूर होने के बाद आजम खां को 20 मई को जेल से रिहा कर दिया गया था। जेल से बाहर होने के बाद वह सीधे रामपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचे थे। अभी तीन दिन पहले दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन से संबंधित एक मामले में सुनवाई के लिए पहुंचे थे। वहां पर भी उनकी तबीयत खराब हुई थी। दिल्ली से लौटने के बाद शनिवार की रात उन्हें फिर से सांस लेने में तकलीफ हुई, जिस पर उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है।