एक बार फिर बिटकॉइन में आई भारी गिरावट, 30 हजार डॉलर के पहुंचा नीचे

(Pi Bureau)

 क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उतार चढ़ाव का दौर जारी है। हालांकि, शनिवार को क्रिप्टोकरेंसी में कमजोरी देखने को मिली है। बिटकॉइन पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से 31,000 डॉलर के ऊपर ट्रेड करने के बाद एक बार फिर 30 हजार डॉलर के नीचे आ गया है। वहीं, बिटकॉइन की बात करें तो शनिवार को इसमें 0.12 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। सुबह 11 बजे के आस-पास बिटकॉइन 29,635.40 (USD) डॉलर पर था।

आपको बता दें कि बिटकॉइन में इस साल अब तक सबसे ज्यादा 35 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। यह पिछले साल के 69,000 डॉलर के अपने पीक से काफी नीचे कारोबार कर रहा है। इसी तरह Dogecoin 2.8 फीसदी की गिरावट के साथ 0.080677 डॉलर के स्तर पर नजर आ रहा है। Shiba Inu 4 फीसदी टूटकर 0.00001069 डॉलर पर है। वहीं, Solana 12 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 36.33 डॉलर पर है। एथर में शनिवार को 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। यह 1,758.84 डॉलर के स्तर पर नजर आ रहा है।

क्‍या हैं Cryptocurrencies?

क्रिप्‍टोकरेंसी वास्‍तव में ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित डिसेंट्रलाइज्‍ड डिजिटल मनी है और इसे क्रिप्‍टोग्राफी (Cryptography) से सुरक्षित किया गया है। अब आप जानना चाहेंगे कि यह Blockchain क्‍या है? आसान शब्‍दों में कहें तो क्रिप्‍टोकरेंसी के मामले में ब्‍लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (बही-खाता) है, जिसके इस्‍तेमाल का अधिकार सिर्फ यूजर्स को होता है। यह लेजर कई तरह के एसेट्स के लेनदेन को रिकॉर्ड रखता है जिसमें पैसे, घर आदि जैसे एसेट्स शामिल होते हैं।

ब्‍लॉकचेन का अधिकार यूजर्स के साथ साझा किया जाता है और खास बात यह है कि यहां उपलब्‍ध जानकारियां पूरी तरह पारदर्शी, तात्‍क‍ालिक और इतनी सुरक्षित होती हैं कि इसे यूजर्स क्‍या एडमिनिस्‍ट्रेटर भी इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते। अब सेंट्रलाइज्‍ड और डिसेंट्रलाइज्‍ड मनी का फर्क भी समझ लेते हैं। सेंट्रलाइज्‍ड मनी हमारे लिए रुपया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गवर्न किया जाता है। डिसेंट्रलाइज्‍ड मनी को गवर्न करने वाला कोई नहीं होता और इसके मूल्‍य में गिरावट या तेजी को सुपरवाइज करने वाली कोई अथॉरिटी नहीं होती।

 

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