(Pi Bureau)
सूर्यकुमार यादव ने एक दिन पहले नीदरलैंड्स के खिलाफ मुकाबले में आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर टी20 वर्ल्ड कप का पहला अपना अर्धशतक जड़ा. इससे दिलचस्प बात यह रही कि जब तक गेंद स्टैंड्स में पहुंचती, उससे पहले विराट कोहली बधाई देने के लिए सूर्यकुमार के पास पहुंच गए. कोहली ने सूर्यकुमार को गले लगाया और उन्हें अपने अर्धशतक का जश्न मनाने का इशारा किया. इसके बाद सूर्यकुमार ने भी हेलमेट उतारा और हवा में बल्ला उठा दिया. इसके बाद दोनों कुछ इस तरह बात करते हुए डगआउट की तरफ लौटे, जैसे सालों पुराने दोस्त हों. विराट और सूर्यकुमार ने सिडनी के मुश्किल विकेट पर महज 48 गेंद में 95 रन की साझेदारी की, जिसकी बदौलत भारत 2 विकेट के नुकसान पर 179 रन बना पाया और नीदरलैंड्स की टीम मुकाबला 56 रन से हार गई.
एक बार फिर विराट और सूर्यकुमार की जोड़ी ने गुरुवार को नीदरलैंड्स के खिलाफ अपना जलवा दिखाया और कुछ ओवर के भीतर ही मैच का पूरा रुख बदल दिया. इस जोड़ी के क्रीज पर आने से पहले भारत का स्कोर 12 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 82 रन था. भारतीय टीम सुरक्षित तो थी, लेकिन रनों की रफ्तार धीमी थी. नीदरलैंड्स के गेंदबाजों ने भारत को 7 रन प्रति ओवर से अधिक नहीं बनाने दिए थे. पहले 10 ओवर में तो उन्होंने महज 67 रन ही दिए. यानी 7 रन प्रति ओवर से भी कम. लेकिन, जल्द ही यह सब बदल गया. क्योंकि सूर्यकुमार और कोहली ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए.
आखिर क्यों विराट-सूर्यकुमार मिडिल ऑर्डर में इतने खतरनाक बल्लेबाज हैं? क्यों दोनों को एक-दूसरे का साथ इतना भा रहा है? आइए इसकी वजह समझते हैं.
सूर्यकुमार की मौजूदगी से विराट पर दबाव कम रहता
नीदरलैंड्स के खिलाफ मैच में विराट ने पहले आक्रामक रूप अपनाया. 13वें ओवर की पहली गेंद पर कोहली क्रीज से बाहर निकले और गेंदबाज के ऊपर से चौका जड़ दिया. अगली 6 गेंदों पर कोई बाउंड्री नहीं आई. लेकिन, इस दौरान विराट और सूर्या ने 8 रन दौड़कर लिए, जो यह बताता है कि दोनों का आपसी तालमेल कितना मजबूत है. यही कारण है कि जहां एक रन होता है, वहां यह जोड़ी दौड़कर दो रन चुरा लेती है. बाकी बल्लेबाजों के साथ जब विराट बल्लेबाजी करते हैं तो ऐसा नहीं कर पाते हैं. यह दोनों महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह के दिनों की याद दिलाते हैं.
अगले ओवर से नीदरलैंड्स के गेंदबाजों की खबर लेने की जिम्मेदारी सूर्यकुमार को उठा लेते हैं और लोगान वान बीक, बास डि लीड की खबर लेने से पहले वो पॉल वान मीकेरन की लगातार दो गेंदों पर दो चौके जड़ देते हैं. इन दोनों ने 95 रन की साझेदारी की लेकिन, कुल मिलाकर 3 छक्के ही जड़े. इसमें से दो छक्के तो भारतीय पारी की आखिरी 3 गेंदों पर आए. इसके बावजूद दोनों ने क्रीज पर आने के बाद से 12 रन प्रति ओवर बनाए. सूर्यकुमार के क्रीज पर रहने भर से विराट पर से रनों की रफ्तार बनाने का दबाव कम रहता है. इसी वजह से वो अपनी खुलकर खेल पाते हैं.
दोनों सिर्फ चौके-छक्के पर नहीं फोकस करते
नीदरलैंड्स के खिलाफ विराट और सूर्यकुमार ने कुल मिलाकर तीन छक्के ही लगाए लेकिन, विराट ने 140 और सूर्यकुमार ने 204 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. इस कारण है कि यह दोनों सिर्फ छक्के मारने पर ही यकीन नहीं रखते, बल्कि जरूरत के हिसाब से एक और दो रन भी दौड़ते हैं और ऑस्ट्रेलिया के बड़े ग्राउंड में यह रणनीति कारगर साबित होती दिख रही है. इस विश्व कप में खेल रही ज्यादातर टीमों के पास टॉप ऑर्डर में धाकड़ बल्लेबाज हैं लेकिन, उनका मध्यक्रम कमजोर है. पाकिस्तान इसका सबसे उदाहरण है और उसके इसका खामियाजा भी उठाना पड़ रहा है.
विराट और सूर्यकुमार की मौजूदगी से भारत का मध्य क्रम सबसे मजबूत है. इसलिए यह जोड़ी इतनी खतरनाक और भारत बाकी टीमों से बल्लेबाजी के मामले में दो कदम आगे नजर आ रहा है.