(Pi Bureau)
दिल्ली-एनसीआर के शहरों में बीते कई दिनों से आबोहवा खराब बनी हुई है। इसके चलते लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पलूशन की ऐसी स्थिति लोगों को गंभीर बीमारियों का भी शिकार बना सकती है। दिल्ली सरकार समेत तमाम सरकारी संस्थाओं की ओर से इससे निपटने के लिए तमाम दावे भी किए गए थे और ग्रैप भी लागू किया गया है। हालांकि इसका भी ज्य़ादा असर देखने को नहीं मिल रहा है। नोएडा, दिल्ली समेत कई शहरों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 500 के पार है।
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में यूपी का नोएडा शहर 529 के लेवल पर है। इसके अलावा गुरुग्राम में शनिवार को AQI 478 दर्ज किया गया है। दिल्ली के धीरपुर के पास 534 दर्ज किया गया है, जबकि पूरी दिल्ली का एक्यूआई वर्तमान में ‘गंभीर’ श्रेणी में 431 पर है। गाजियाबाद के भी ज्यादातर इलाकों में एक्यूआई 500 के करीब है। बता दें कि 400 से ऊपर का एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। हरियाणा के भी उन शहरों की हालत खराब है, जो एनसीआर के इलाके में आते हैं।
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बहादुरगढ़ में 430, चरखी दादरी में 423 और दारूहेड़ा में 411 है। भिवाड़ी में 397 और बल्लभगढ़ में 385 एयर क्वॉलिटी इंडेक्स है। वहीं फरीदाबाद में 380 और भिवानी में 375 वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है। इस बीच दिल्ली में प्रदूषण के चलते प्राथमिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा की गई है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के 50 फीसदी कर्मचारियों को सोमवार से ‘घर से काम’ (वर्क फ्रॉम होम) करने का आदेश दिया था। इसके अलावा उन्होंने निजी दफ्तरों से भी अपील की थी कि वे वर्क फ्रॉम होम की पॉलिसी लागू करें।