(Pi Bureau)
बिहार के सारण जिले के मशरक, इसुआपुर,आमनौर एवं मढौरा में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन का नींद खुली है। जिलाधिकारी राजेश मीणा एवं एसपी संतोष कुमार ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मशरक थानाध्यक्ष नीरज मिश्रा और चौकीदार विकेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हालांकि, अभी तक प्रशासन ने सिर्फ 21 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की पुष्टि की है। साथ ही जांच करने की बात कही है। वहीं, मढौरा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी इंद्रजीत बैठा के दूसरे जगह स्थानांतरण करने और इनके ऊपर विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए गृह विभाग को अनुशंसा किया गया है।
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के द्वारा मद्य निषेधनिषेध कानून के क्रियान्वयन एवं आसूचना संकलन में बरती गई घोर लापरवाही एवं आदेशोल्लंघन, कर्तव्यहीनता एवं संदिग्ध आचरण के आरोप में पुलिस अवर निरीक्षक सह थानाध्यक्ष मशरक थाना रितेश मिश्रा एवं चौकीदार 5/4 विकेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। राजेश चौधरी को मशरक थाना का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि अगस्त में भी मढ़ौरा अनुमंडल क्षेत्र में ही जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी।
जहरीली शराब ने मशरक में कहर बरपाया है। मशरक में जहरीली शराब पीने से हुई मौत का आंकड़ा बढ़ते जा रहे है। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद छपरा सदर अस्पताल से शव पहुंचते ही लोगों का आक्रोश उबल पड़ा। आक्रोशित लोग रोड पर उतर आए। इसके बाद मशरक महावीर मंदिर चौक के समीप शव रख कर एसएच 90 को जाम कर दिया। इस दौरान लोग सरकार व प्रशासन विरोधी नारे लगा रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही मढौरा के एसडीएम योगेन्द्र कुमार, एसडीपीओ इंद्रजीत बैठा दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह एवं बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष पूर्व प्राचार्य सुरेन्द्रनाथ सिंह भी मौके पर पहुंचे और एसडीएम एवं एसडीपीओ ने प्रदर्शनकारियों को समझा कर शांत कराया।