(Pi Bureau)
चीन के अलावा कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों से हाहाकार मच गया है। कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा बुरी स्थिति चीन में है। चीन में अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। वहीं, रोजाना हो रही रिकॉर्ड मौतों से अंतिम संस्कार के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। उधर, चीन में कोरोना की हालत को देखते हुए भारत सरकार अलर्ट मोड पर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री करेंगे बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आज सुबह कोरोना महामारी की समीक्षा को लेकर बैठक बुलाई है। बैठक में दुनियाभर में फैल रहे संक्रमण और उसके परिदृश्य को लेकर चर्चा की जाएगी। कोरोना को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य, आयुष, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष एनएल अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।
केंद्र सरकार का राज्यों को निर्देश
इससे पहले, राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग में जुटने का निर्देश दिया गया है। सभी राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि कोरोना के वैरिएंट पर निगरानी रखने के लिए पाजिटिव सैंपल की पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग पर पूरा ध्यान दिया जाए। टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेशन और कोविड से मुकाबले के लिए उपयुक्त व्यवहार की पांच स्तरीय रणनीति से इस महामारी पर अंकुश लगाने में सफलता मिली है। इसका नतीजा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को साप्ताहिक आधार पर 12 हजार मामलों तक सीमित किया जा सका है, लेकिन दुनिया में इसका खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
विश्व में कोरोना के 35 लाख नए मामले
बता दें कि विश्वभर में एक हफ्ते में कोरोना के 35 लाख नए मामले सामने आए हैं। इस चिट्ठी में मंत्रालय की ओर से जून में जारी की गई निगरानी की संशोधित प्रक्रिया के दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया गया है। इसके मुताबिक नए वैरिएंट की चुनौती को लेकर जल्दी जांच, आइसोलेशन, टेस्टिंग और संदिग्ध तथा पाजिटिव मामलों के सही प्रबंधन पर जोर दिया गया है। राजेश भूषण के मुताबिक मौजूदा वैरिएंट के रुझानों की निगरानी बहुत महत्वपूर्ण है।