(Pi Bureau)
देश की पहली रिंग मेट्रो लाइन पर परिचालन अब 2024 में पूरा होगा. यह पहली रिंग मेट्रो के साथ-साथ देश का पहला सबसे लंबा 71.15 किलोमीटर का सबसे बड़ा सिंगल कॉरिडोर भी होगा. इस रिंग मेट्रो पर परिचालन से यात्रियों की राह आसान हो जाएगी. बता दें कि रिंग मेट्रो का काम अपने तय समय से लेट चल रहा है.
मेट्रो फेज-4 में 12.55 किलोमीटर का मजलिस पार्क से मौजपुर कॉरिडोर का निर्माण पूरा होते ही मौजूदा पिंक लाइन (मजलिस पार्क से गोकलपुरी) एक रिंग मेट्रो हो जाएगी. इससे पूर्वी, उत्तरी, दक्षिणी व पश्चिमी दिल्ली इस नेटवर्क से सीधे जुड़ जाएंगे.
लेट चल रहा रिंग मेट्रो का काम
अभी तक रिंग मेट्रो के एक हिस्से पर चल रहा है. बता दें कि रिंग मेट्रो का काम अपने तय समय से लेट चल रहा है. सबसे पहले इसके फेज-4 के तीन कॉरिडोर में मजलिस पार्क से मौजपुर का हिस्सा खोला जाएगा. यह काम अपने तय समय से करीब 15 महीने लेट से पूरा होगा. इस कॉरिडोर का काम पहले 2023 में सितंबर तक पूरा किया जाना था. लेकिन कई कारणों से अब यह 2024 में पूरा हो पाएगा. मेट्रो फेज-4 के तहत 65.10 किमी लंबे तीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. वहीं पेड़ों की कटाई को लेकर मंजूरी मिलने में हुई देरी के चलते मजलिस पार्क से मौजपुर, जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम और एरोसिटी से तुगलकाबाद का काम 30 महीने की देरी से पूरा होगा.
आठ नए स्टेशन बनेंगे
बता दें कि इसके तहत कुल 8 नए मेट्रो स्टेशन बनेंगे. वहीं भजनपुरा से यमुना विहार दो मेट्रो स्टेशन के बीच एक मेट्रो पिलर के साथ फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा. यानी सबसे नीचे सड़क, उसके ऊपर फ्लाईओवर और उसके ऊपर मेट्रो चलेगी. यह फ्लाईओवर 1.4 किलोमीटर लंबा होगा.
काम में देरी से बढ़ गई लागत
रिंग मेट्रो के सभी कॉरिडोर का काम 2025 तक पूरा करने का टारगेट डीएमआरसी ने तय किया था लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है. मेट्रो फेज-4 में कुल 2500 के करीब पेड़ काटे जाने हैं. बता दें कि काम में देरी के चलते मेट्रो के तीन कॉरिडोर बनाने की लागत भी 15 फीसदी तक बढ़ गई है. पहले इनकी लागत 10,479.6 करोड़ रुपये आनी थी जो अब बढ़कर 12,048.5 करोड़ रुपये हो गई है.