(Pi Bureau)
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के ऑफिस और व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत के साथ निकटता से काम करने की अमेरिका की मंशा पर जोर देते हुए कहा कि बीजिंग ने भारत-चीन सीमा पर उकसावे वाले कुछ कदम उठाए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के उप सहायक और हिंद-प्रशांत मामलों के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने वाशिंगटन स्थित एक थिंक-टैंक से कहा कि ‘हमें उस भूमिका को समझने की जरूरत है जो भारत वैश्विक मंच पर एक महान राष्ट्र के रूप में निभाएगा. हम इसे प्रोत्साहित करना चाहते हैं और इसका समर्थन करना चाहते हैं.’
कैंपबेल ने कहा कि ‘हम उस रिश्ते को और गहरा करना चाहते हैं, जो पहले से ही बहुत मजबूत है. दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंध अमेरिकी लोगों के वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के लोगों से संबंधों की तुलना में सबसे मजबूत हैं…’ एक थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी’ ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ तथा झड़पों की घटनाएं बढ़ गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर शत्रुता की बढ़ती आशंका का अमेरिका पर और इन दो एशियाई दिग्गजों के बीच उसकी हिंद-प्रशांत रणनीति पर असर पड़ता है.
भारत को दोनों मोर्चों पर उलझाना चाहता है चीन
थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अधिकारियों का मानना है कि चीन भारत को पाकिस्तान के साथ उसकी पश्चिमी सीमा तथा चीन के साथ पूर्वी सीमा पर उलझा कर चीनी महत्वाकांक्षाओं को चुनौती देने की भारत की इच्छा तथा क्षमता को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. कैंपबेल ने थिंक-टैंक से कहा कि ‘5,000 मील की इस विशाल सीमा पर चीन ने जो कुछ कदम उठाए हैं, वे भड़काने वाले तथा भारतीय भागीदारों व दोस्तों के लिए बेहद चिंताजनक है.’ इस रिपोर्ट में भारत के साथ लगती सीमा पर चीनी आक्रमण को रोकने और प्रतिक्रिया देने में मदद के लिए कई सुझाव दिए गए हैं.
21वीं सदी में भारत US के लिए सबसे जरूरी
थिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को भारत के क्षेत्रीय विवादों और हिंद-प्रशांत में अन्य अमेरिकी सहयोगियों तथा साझेदारों के खिलाफ चीन की आक्रमकता के मुद्दे को उठाना चाहिए. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी दस्तावेजों और भाषणों में इनको जगह मिले. रिपोर्ट में पाकिस्तान के संदर्भ में कहा गया कि उसे यह संदेश दिया जाए कि उसे भविष्य में भारत-चीन सीमा विवाद की स्थिति में तटस्थ रहने की जरूरत है. कैंपबेल ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध ‘21वीं सदी में अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं.’