(Pi Bureau)
ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को रक्षा सामरिक समीक्षा (डीएसआर) का सार्वजनिक संस्करण जारी किया है। इसमें भारत और जापान सहित क्षेत्र में अपने सहयोगियों व प्रमुख शक्तियों के साथ मजबूत संबंधों को बनाने पर जोर दिया गया है। समीक्षा में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर भी बात की गई है।
समीक्षा में विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में रक्षा सहयोग कार्यक्रम को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जो ऑस्ट्रेलिया के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ऑस्ट्रेलिया भविष्य में ऐसे युद्ध से अपनी रक्षा करने के लिए हथियारों के घरेलू उत्पादन और कूटनीति को प्राथमिकता देने की योजना बना रहा है।
ऑस्ट्रेलिया ने चीन के साथ जुड़ने के प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। समीक्षा में कहा गया है कि ऑस्ट्रेलिया जितना सहयोग कर सकता है उतना चीन के साथ रखेगा। साथ ही कहा गया कि अगर दोनों देश एक दूसरे से सहमत नहीं होते हैं किसी मुद्दे पर तो बुद्धिमानी से हल निकाला जाएगा। साथ ही जहां सख्ती की जरूरत पड़ेगी वहां यह भी दिखाई जाएगी।
हालांकि, रक्षा सामरिक समीक्षा में चीन के सैन्य निर्माण और उसके रणनीतिक इरादों पर बढ़ती चिंताओं पर भी प्रकाश डाला गया है। कहा गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से चीन का सैन्य निर्माण दुनिया के सभी देशों से बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी है। उसने हथियार के क्षेत्र में सबसे ज्यादा उपलब्धि प्राप्त कर ली है। ऐसे में हथियारों के घरेलू उत्पादन पर ध्यान देने की जरूरत है।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा शुरू की है कि ऑस्ट्रेलिया अधिक सुरक्षित रहे। हमारा यह कदम दर्शाता है कि हम ऑस्ट्रेलियाई लोगों को सुरक्षित रखने के लिए कितने दृढ़ हैं। उन्होंने कहा कि आज हर सरकार की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा है।