पंजाब:: चश्मदीदों ने सुनाई लुधियाना गैस लीक की दर्दनाक दास्तां……..!!!

(Pi Bureau)

पंजाब में लुधियाना जिले के घनी आबादी वाले ग्यासपुरा इलाके में रविवार को जहरीली गैस के रिसाव के कारण 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग बीमार पड़ गए. पुलिस ने बताया कि बीमार लोगों का एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. घटना में जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें अधिकांश प्रवासी मजदूर बताए जा रहे हैं. पुलिस और राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) के जवान मौके पर हैं और घटना की जांच कर रहे हैं.

पुलिस ने कहा कि किस गैस का रिसाव हुआ और इसका क्या कारण था, यह फिलहाल पता नहीं लगाया जा सका है. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हो सकता है कि गैस गटर से लीक हुई हो, जो हाल ही में हुई बारिश की वजह से बंद हो गया था. उन्होंने वहां के हालात को दम घुटने वाला और भयावह बताया. उनलोगों ने देखा कि इलाके में गैस फैलते ही लोग बेहोश होकर गिर पड़े.

चश्मदीदों में से एक, अरविंद चौबे ने दावा किया कि उसने एक गटर से धुआं निकलते देखा. उन्होंने सड़क पर बेहोश पड़े लोगों के वीडियो भी शूट किए. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भाई से गैस रिसाव के बारे में पता चला. अरविंद ने इंडिया टुडे से कहा, ‘हम क्रिकेट खेलने की योजना बना रहे थे क्योंकि रविवार का दिन था. सुबह करीब 7 बजे मेरे भाई ने मुझे सूचित किया कि गैस रिसाव हुआ है. हम मौके पर पहुंचे और हमने गैस से प्रभावित लोगों को बचाने की कोशिश की.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने पाया कि उनमें से एक जीवित था और एक एम्बुलेंस उस व्यक्ति को दूर ले गई. हम भाग्यशाली हैं कि हम जीवित हैं. यह भयावह और दम घुटने वाला था. सांस लेना मुश्किल हो रहा था.’ अरविंद के भाई आशीष चौबे ने कहा कि जब वे अपने करीबियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, उस दौरान उन्होंने लोगों को बेहोश होते हुए देखा. आशीष ने बताया कि उसने सात से आठ लोगों को अपने सामने बेहोश होते देखा.

एक अन्य चश्मदीद आरजू खान ने कहा कि इस घटना में उसने अपने 12 साल के भाई को खो दिया. उन्होंने कहा, ‘मेरे 12 साल के भाई की हादसे में मौत हो गई. घटना के वक्त वह अपने कमरे में था. ज्यादातर मृतक उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे.’ अभी भी कई लोगों के घरों में फंसे होने की आशंका है. घरों और फैक्ट्रियों को खाली करा लिया गया है और पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.

इस बीच, लुधियाना की उपायुक्त सुरभि मलिक ने बताया कि ऐसी आशंका है कि सीवर में कुछ रसायनों की मीथेन गैस से प्रतिक्रिया हुई होगी. उन्होंने बताया कि इलाके को खाली करा लिया गया है और गैस के फैलने पर रिसाव स्थल की घेराबंदी का दायरा बढ़ाया जाएगा. उपायुक्त ने बताया कि घटना में जान गंवाने वाले लोगों में श्वसन संबंधी समस्या का कोई लक्षण नहीं दिखा. उन्होंने कहा, ‘ऐसी आशंका है कि न्यूरोटॉक्सिन (विषाक्त पदार्थ के संपर्क में आने से तंत्रिका तंत्र की सामान्य गतिविधि में बदलाव) की वजह से मौत हुई है.’

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंची राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम यह पता लगाएगी कि किस गैस का रिसाव हुआ और इसका स्रोत एवं कारण क्या था. उन्होंने कहा कि चूंकि, यह बेहद घनी आबादी वाला इलाका है, इसलिए तत्काल प्राथमिकता लोगों को वहां से सुरक्षित निकालना थी. लुधियाना की उपायुक्त ने बताया कि एनडीआरएफ का एक दल विभिन्न तरह के रसायनों के नमूने एकत्रित कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब रासायनिक प्रक्रिया के बारे में पता चल जाएगा तो जानकारियां साझा की जाएगी.

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