(Pi Bureau)
दिल्ली की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में गैंगवार के बाद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. हाईकोर्ट ने गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को रोकने मे विफल रहने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों को फटकार लगाई है.
हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन से स्टेट्स रिपोर्ट भी मांगी है और साथ ही जेल अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
दरअसल, टिल्लू ताजपुरिया के पिता और भाई ने मामले में सीबीआई जांच की मांग के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली थी, जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश पारित किया और साथ ही अफसरों पर भी टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को आदेश दिया है कि वे चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी बताएं. जस्टिस जसमीत सिंह ने दिल्ली पुलिस से ताजपुरिया के पिता और भाई को सुरक्षा देने पर विचार करने को कहा है. मामले में अब अगली सुनवाई 25 मई को होगी. इस दौरान तिहाड़ जेल के अधीक्षक को सुनवाई के दौरान मौजूद रहना होगा.
कोर्ट ने टिल्लू की हत्या का सीसीटीवी देखने के बाद तिहाड़ जेल के डीजी से जवाब तलब किया कि आखिर तिहाड़ के भीतर चार चाकू कैसे पहुंच गए और सीसीटीवी में हादसे का वीडियो आने के बाद क्या कदम उठाए गए. कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई पर वो अदालत में पेश हों. कोर्ट ने टिल्लू के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश देते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की, जिसमें ये बताया जाए कि इस घटना में लापरवाही के दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है.
बता दें कि दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में एक शूटऑउट हुआ था. उसका मास्टरमांइड टिल्लू था. वह तिहाड़ जेल में बंद था. बीते सप्ताहर अल सुबह जेल में गैंगस्टरों के दो गुटों में आपस में भिड़ंत हो गई थी. इस दौरान आरोपियों लोहे की ग्रिल से टिल्लू के गल्ले छाती और अन्य जगह वार किए थे. बाद में जेल प्रशासन टिल्लू को अस्पताल ले गया था, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई थी. तिहाड़ जेल में घटना की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी. वहीं, बाद में जेल प्रशासन ने कुछ पुलिस कर्मियों को भी सस्पेंड किया था.