(Pi bureau)
दुनियाभर में अलग-अलग तरह के वायरस लगातार तबाही मचाते आए हैं। कुछ साल पहले आए कोरोना वायरस ने लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल दिया है। कोरोना महामारी के खौफनाक मंजर को याद कर आज भी लोगों की रूह कांप उठती है। इसी बीच एक और वायरस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, हाल ही में सामने आई एक जानकारी के मुताबिक अमेरिका में पोवासन वायरस से मौत का मामला सामने आया है।
टिक के काटने से फैलने वाले इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। ऐसे में इस वायरस से हुई मौत ने सभी को चिंता में डाल दिया है। तो चलिए जानते हैं क्या है यह वायरस, इसके लक्षण और बचाव के तरीके-
पोवासन टिक के काटने से फैलने वाला एक दुर्लभ वायरस है, जिससे होने वाली बीमारी लाइलाज है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर साल 25 लोग पोवासन वायरस से संक्रमित होते हैं। आमतौर पर यह वायरस संक्रमित हिरण टिक, ग्राउंडहॉग टिक या गिलहरी की टिक के काटने से मनुष्यों इंसानों में फैलता है। लेकिन इसके मामले काफी दुर्लभ है। हालांकि, बीते कुछ वर्षों में इसके ज्यादा मामले सामने आए हैं। पोवासन वायरस के मामले में अमेरिका, कनाडा और रूस में देखने को मिले हैं
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक पोवासन वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण काफी कम नजर आते हैं। इस संक्रमण के शुरुआती लक्षण नजर आने में एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक का समय लग जाता है। इसके शुरुआती लक्षणों में निम्न शामिल हैं
इसके अलावा पोवासन वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन भी सकता है। इस बीमारी में मस्तिष्क का संक्रमण (इंसेफ्लाइटिस) शामिल है। गंभीर बीमारी के लक्षणों में निम्न शामिल हैं-
टिक्स आमतौर पर जंगली, पत्तेदार और झाड़ीदार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। पोवासन वायरस से होने की वाली गंभीर बीमारी का अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है। ऐसे में टिक काटने के जोखिम को कम करने के लिए, सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इन सावधानियों में हल्के रंग के कपड़े पहनना शामिल है, जो बाहों और पैरों को ढकते हैं। ईपीए-अप्रूव्ड रिपैलेंट का उपयोग करना। घर लौटने पर, कपड़ों को धोने से पहले ड्रायर में रखें। किसी भी रेंगने वाले टिक्स को खत्म करने के लिए 10-15 मिनट के लिए हाई हीट का उपयोग करें।