(Pi Bureau) बीजिंग । अभी तक इलाज करने की जबावदेही डॉक्टरों की होती थी लेकिन अब डॉक्टरों की जगह नन्हा रोबाट लेने जा रहा है। दरअसल दुनिया में रोबोट तकनीक सबसे तेजी से विकसित हो रही इस मॉडर्न तकनीक कही जा सकती है। वैज्ञानिकों ने रोबोट विकास तकनीक में एक और बेहतरीन खोज की है।
वैज्ञानिकों ने ऐसे नन्हे रोबोट बनाए हैं जो मानव शरीर के गहरे से गहरे हिस्सों में पहुंच कर बीमारियों को पहचानने और उनके उपचार के लिए बेहद सहायक होंगे।
हॉगकॉग की चाइनीज यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने ऐसे बेहद छोटे रोबोट्स का झुंड तैयार किया है जो चुंबकीय कणों की मदद से शरीर के अंदर घुसकर बीमारियों को पहचानने में मददगाह होंगे। ये न सिर्फ बीमारी का पता लगाएंगे बल्कि उन बीमारियों के उपचार में भी मदद करेंगे जिसके लिए शरीर की कुछ खास कोशिकाओं में दवाई पहुंचानी होती है।
रिसर्चरों ने इन रोबोट्स को पानी में पाए जाने वाली काई (शैवाल) के जीवें से बनाया है। वैज्ञानिकों ने इन नन्हे रोबाट्स पर शैवाल के सूक्ष्म जीवों की परत चढ़ाई जिसमें कुछ चुंबकीय कणों को मिलाया गया। ये रोबोट शरीर के अंदर मौजूद ढके हुए टिशूज के भीतर जाकर भी ट्रैक किए जा सकते हैं।
शैवाल के जीवों की प्राकृतिक चमक इन रोबोट्स को ट्रैक होने में मदद करती है। इसकी मदद से शरीर के उन टिशूज तक भी पहुंचा जा सकता है जो आम तौर पर एमआरआई की मदद से भी पकड़ में नहीं आते हैं। इन रोबोट्स की खास बात ये है शरीर के भीतर बीमारी के कारण होने वाले रसायनिक बदलावों को पहचान लेते हैं। इसके चलते इनकी मदद से खतरनाक रोगों की पहचान हो सकती है।
वैज्ञानिकों का मनना है कि ये नन्हे चुंबकीय रोबोट शरीर के किसी भी हिस्से में जाकर दवाई इंजेक्ट करने में सक्षम हैं। यह कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में काफी मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि ये स्वस्थ कोशिकाओं को बिना हानि पहुंचाए सीधे कैंसर सेल को अटैक करते हैं।