(Pi Bureau)
इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के विरोध प्रदर्शनों से डरी पाकिस्तानी सरकार और फौज ने एक दूसरी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक के सामने सरेंडर कर दिया है. जिसके बाद इस पार्टी ने ‘पाकिस्तान बचाओ’ मार्च बंद कर दिया है. इस सरेंडर के लिए पाकिस्तान के आंतरिक गृह मंत्री ने वो तमाम शर्तें मान ली हैं जो संभवत: वह किसी और राजनीतिक पार्टी द्वारा पेश किए जाने पर नहीं मानते. यहां तक कि उन्हें यह लिखकर भी देना होगा कि यह पार्टी एक राजनीतिक पार्टी है आतंकवादी दल नहीं.
तहरीक- ए- लब्बैक पाकिस्तान नाम के इस राजनीतिक दल ने पाकिस्तान बचाओ मार्च शुरू किया था और यह मार्च अब इस्लामाबाद पहुंचना था. पिछले कई दिनों से चल रहे इस मार्च में उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए पाकिस्तानी प्रशासन और फौज को यह डर सताने लगा था कि कहीं एक बार फिर 9 मई जैसी घटनाएं घटित ना हो जाएं. शुरुआती दौर में पाकिस्तानी फौज ने इस पार्टी पर भी दमन चक्र चलाया लेकिन इस मार्च में लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए अंततः पाकिस्तानी फौज और प्रशासन ने इस पार्टी के मुखिया साद रिजवी से बात करने का फैसला किया.
पिछले सप्ताह के अंतिम दिनों में इस पार्टी से पाकिस्तानी फौज और प्रशासन ने लंबी वार्ता की. पार्टी के मुखिया ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इमरान खान के समय में जब उनकी सरकार थी तो इस पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की गई थी. इस तरह से उसकी छवि सरकार द्वारा ऐसी पेश की गई जैसे वह राजनीतिक दल नहीं बल्कि कोई आतंकवादी संगठन है. लिहाजा सबसे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री सनाउल्लाह राणा को यह लिखकर देना होगा कि तहरीक लब्बैक राजनीतिक दल है कोई आतंकवादी संगठन नहीं है.