(Pi Bureau)
चीन लगातार भारत की सीमाओं पर घुसपैठ कर रहा है। हाल ही में, भारत के अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर चीन ने कब्जा कर लिया है। उसका कहना है कि ये क्षेत्र उसके देश के अंतर्गत आते हैं। जबकि अमेरिका भारत का पक्ष ले रहा है। अमेरिकी संसद की सीनेट कमेटी ने अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया है। बता दें, यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के एक महीने के अंदर ही संसदीय कमेटी ने पास कर दिया है।
चार सीनटरों ने किया प्रस्ताव पेश
यह प्रस्ताव गुरुवार को सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हेगर्टी, टिम काइन और क्रिस वान होलेन ने पेश किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका मैकमोहन रेखा को चीन और भारत के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देता है। प्रस्ताव पूर्ण मतदान के लिए सीनेट में जाएगा।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग
संसद के कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया में स्वतंत्रता और कानून आधारित पद्धति का समर्थन करता है। यह प्रस्ताव साफ कर देता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता है, ना कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का।
चीन के खिलाफ कदम उठाना जरूरी
वहीं, हेगर्टी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है। अमेरिका के लिए इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेषकर भारत और अन्य क्वाड देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है। साथ ही चीन की क्षेत्रीय विस्तार की व्यापक रणनीति के खिलाफ कदम उठाना जरूरी है, जो उसने दक्षिण और पूर्वी चीन सागर, हिमालय और दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में अपनाई है।
अमेरिका दे मजबूत समर्थन
सीनेटर कॉर्निन ने कहा कि भारत और चीन के बीच उनकी साझा सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में, अमेरिका को स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करके लोकतंत्र की रक्षा में मजबूती से खड़ा होना चाहिए।
चीनी सेना सीमा पर बसा रही गांव
बता दें कि अमेरिका मैकमोहन लाइन को भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है। चीन की सेना सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रही है, इसके लिए चीन की सेना सीमा पर गांवों को बसा रही है। साथ ही चीनी भाषा में लिखा नया नक्शा जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया है। विधेयक में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, तकनीक, आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की बात कही गई है।