(Pi Bureau)
ज्ञानवापी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा था। मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे ना त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखा है ना। ज्योर्तिलिंग है देव प्रतिमाएं हैं। दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं। उधर, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार करते हुए इसे विवाद को हवा देने वाला बयान बताया।
इस दौरान एक और अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं। आपका मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा। अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप जो है किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते। नेशन फर्स्ट। अगर देश में किसी को रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है, अपने मत और मजहब को नहीं।
वहीं, ज्ञानवापी को लेकर सीएम योगी के बयान का संत समाज ने स्वागत किया है। अखिल भारतीय संत समिति महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती कहा कि ज्ञानवापी का संघर्ष लंबा हो चला है, मुस्लिम समाज को पहल करने की जरूरत है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार
सीएम योगी के बयान पर पलटवार करते हुए सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त 1947 की स्थिति को यथास्थिति स्वीकार किया जाए। मस्जिद में मंदिर खोजने का दुस्साहस कर रहे लोग इस विवाद हो हवा दे रहे हैं। विवाद को आगे बढ़ाने की प्रथा शुरू कर रहे है, ऐसा ही चलता रहा तो इसी प्रथा के तहत कल लोग मंदिरों में बौद्ध मठ खोलना शुरू कर देंगे।