यूपी विधानसभा मानसून सत्र: राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करके आते तो सवाल न पूछते- सीएम योगी

(Pi Bureau)

लखनऊ/ उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता सदन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर लिया और उनपर कटाक्ष किये। उन्होंने सवाल-जवाब के संदर्भ में एक देश-एक कानून की बात कही तो कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता होने लगी है, जो अच्छी बात है।

दरअसल आज विधानसभा में प्रश्नकाल के समय, समाजवादी पार्टी के सदस्य डॉ0 संगाम यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा है कि कोई भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में लम्बित नहीं है, जबकि लम्बित है। ऐसे में नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे अच्छा लगा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता होने लगी है, ये अच्छी बात है। इसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून की बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ तो समाजवादियों में प्रोग्रेस हुई, अच्छा है प्रगति के बारे मे सोचना चाहिए।

सीएम योगी ने कहा कि सरकार के कार्य सर्वे बताते हैं, बेरोजगारी दर रोजगार उपलब्ध करवाने पर ही पता चलता है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक था, आज यह दर तीन से 4 प्रतिशत तक आया है, इससे पता चलता है कि नौकरी मिल रही है। न्यायालय को भी पता है कि सरकार के कार्य में पारदर्शिता और शुचिता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के परसेप्शन के कारण ही ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट में 36 हजार करोड़ के निवेश मिले है, इससे एक करोड़ को रोजगार मिलेगा।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के सवाल पर पर सीएम योगी ने कहा कि हमारे सदस्य अगर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करके आये होते तो सवाल न पूछते। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। इसमे सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न रोजगार परक पाठ्यक्रम भी लागू किये गये है, राज्य सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। इसमे पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नॉलोजी, डाटा एनालिसिस का, थ्रीडी पेंटिंग जैसे तीन महीने छ महीने के पाठ्यक्रम भी जोड़े गये है। आपके द्वारा कहना कि कोई भर्ती नहीं हुई, ये आपकी पीड़ा बताती है। पिछले छः वर्ष में नकलविहीन परीक्षा हो रही है, नकल माफिया पर लगाम कसी गयी। पहली बार माध्यमिक परीक्षा हाइस्कूल इंटर की मात्र 15 दिन में सम्पन्न हुई, 14 दिन में परिणाम आये, मात्र 29 दिन में प्रक्रिया सम्पन्न हुई।

योगी ने कहा कि भर्ती के मामले में कुछ लोग न्यायालय गये वो अलग विषय है, लेकिन बेसिक और माध्यमिक में एक लाख 64 हजार भर्ती पिछले पांच वर्षाे मे हुई। साथ ही उच्च शिक्षा, प्राविधिक, व्यावसायिक और संस्कृत शिक्षा के लिए भी भर्ती हुए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती के लिए हम एक शिक्षा सेवा चयन आयोग गठन करने के लिए बिल लेकर आये हैं।

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