एनएसजी मेंबरशिप के लिए भारत का दावा हुआ मज़बूत, वासेनर का बना सदस्य

(Pi Bureau) नई दिल्ली। क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा उत्कृष्ट निर्यात नियंत्रण व्यवस्था देखने वाली संस्था वासेनर अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) ने गुरुवार को भारत ये सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला किया। इस फैसले से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी कामयाबी मिली है।

भारत के वासेनर अरेंजमेंट का 42वां सदस्य बनने से अप्रसार क्षेत्र में देश का कद बढ़ने के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को हासिल करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के शामिल किए जाने का दावा भी मजबूत होगा।

वासेनर का सदस्य बनने के बाद जहां एक तरफ भारत को महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी मिल पाएगी, तो वहीं दूसरी तरफ परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने के बावजूद नई दिल्ली का रुतबा भी बढ़ेगा।

भारत को वासेनर में सदस्यता देने का ये फैसला विएना में हुई एक बैठक में लिया गया, ये बैठक दो दिनो तक चली। इस सदस्यता से एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत का दावा और भी मजबूत हो गया है।

इससे सदस्य देशों के बीच हथियारों के हस्तांतरण में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाता है। हालांकि चीन इस संस्था का सदस्य नहीं है, फिर भी उसने पूरी कोशिश की जिससे भारत को ये सदस्यता न मिल सके।

वियना में इस निकाय के पूर्ण अधिवेशन में यह निर्णय लिया गया। जिसमें कहा गया कि जरुरी औपचारिकताएं पूरी करने के शीघ्र बाद भारत उसका 42 वां सदस्य देश बन जाएगा।

उसने अपने पूर्ण अधिवेशन के समापन पर जारी एक बयान में कहा, पूर्ण अधिवेशन में वासनार अरेंजमेंट के सहभागी देशों ने वर्तमान ढेरों सदस्यता आवेदनों की प्रगति की समीक्षा की और वे भारत को शामिल करने पर राजी हुए।

वासनार अरेंजमेंट से जुड़ने की जरुरी प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के शीघ्र बाद भारत अरेंजमेंट का 42 वां सहभागी देश बन जाएगा। इस निर्यात नियंत्रण निकाय में प्रवेश के बाद परमाणु अप्रसार संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं होने के बावजूद भारत की परमाणु अप्रसार के क्षेत्र में साख बढ़ जाएगी।

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