(Pi Bureau)
समाजवादी नेता आजम खां और उनके करीबियों यहां छापेमारी करने से पहले आयकर विभाग की टीम पूरा होमवर्क करके आई है। आयकर विभाग की टीम के पास आजम खां सभी करीबियों और जौहर ट्रस्ट से जुड़े लोगों का पूरा ब्योरा है। जिसमें उनकी आर्थिक स्थिति, बैंक खाते की जानकारी शामिल है। पूरा होमवर्क करने के बाद आयकर विभाग ने गोपनीय तरीके से आजम खां और उनके करीबियों यहां छापेमारी की। विभाग ने इस कार्रवाई का कोड वर्ड रखा है ऑपरेशन डी।
दिल्ली व लखनऊ के अफसर शामिल
ऑपरेशन डी में आयकर विभाग के दिल्ली, लखनऊ, आगरा और गाजियाबाद के अधिकारियों को शामिल किया गया है।विभाग ने इस ऑपरेशन का दिन और वक्त उस समय के लिए मुकर्रर किया, जब उसे पता था कि जिन्हें यहां कार्रवाई की जानी है वो अपने घर पर मिलेंगे। आजम खां एक राजनीतिक शख्सियत हैं इसलिए विभाग ने कार्रवाई को लेकर सतर्कता भी बरती। ऑपरेशन डी में शामिल किसी भी अधिकारी को यह पता नहीं था कि उनको जाना कहां है।
गाड़ियों में चस्पा कोर्ड वर्ड
उनको सिर्फ एक कोड वर्ड दिया गया था। ऑपरेशन डी में शामिल टीम को डी-1 से डी-10 के बीच बांटा गया था। टीम को रास्ते में लोकेशन दिया गया, जिसके आधार उस स्थान पर पहुंची जहां उनको कार्रवाई करनी थी। आजम खां के यहां जो टीम पहुंची उसका कोड डी-10 है। इसी तरह से सपा विधायक नसीर खां के यहां जो टीम गई है उसका कोड डी-9 है। ये कोड आयकर विभाग के अधिकारियों की गाड़ी पर चस्पा भी है।
आजम खां के घर पर 42 अफसर पहुंचे
विभाग के सूत्रों के मुताबिक लखनऊ से आयकर विभाग की पांच टीमें चली थीं। उनको पता नहीं था कि बरेली जाना है या फिर मुरादाबाद या गाजियबाद। रास्ते में टीम के सदस्यों को अलग-अलग लोकेशन देकर अलग किया। अधिकारियों की कुछ टीमें रामपुर शहर के अंदर जाने के लिए कहा गया तो कुछ टीमें मेरठ, सहारनपुर और गाजियाबाद के लिए निकल गईं।
आजम खां के यहां जो टीम पहुंची है उसमें 42 लोग शामिल हैं। इस ऑपरेशन की गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए आयकर की टीम अपने साथ एसएसबी के जवानों को साथ लेकर आई। टीचें जब अपने-अपने स्थान पर पहुंच गईं तो स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जानकारी दी गई।
आजम के पूर्व करीबी भी रडार पर
आयकर विभाग की टीम के रडार पर वैसे लोग भी शामिल हैं जो उस वक्त आजम खां करीबी थे जब वो सत्ता में थे और उन्होंने अब उनसे किनारा कर लिया है। ऐसे लोगों के नाम कई ठेके जारी किए गए थे और उन्होंने करोड़ों का लेनदेन किया। 2012 से 2017 के बीच रामपुर में जमीन की खरीद फरोख्त का ब्योरा भी विभाग ने जुटाया है। साथ ही ऐसे लोगों की आर्थिक स्थिति और बैंकों के खाते खंगाले जा रहे हैं जिन्होंने जौहर ट्रस्ट को भारी-भरकम चंदा दिया था। ऐसे लोगों से आयकर विभाग के अधिकारी पूछताछ कर सकती है कि जब उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी तो उन्होंने भारी-भरकम चंदा कहां से दिया।
आयकर विभाग कार्रवाई को देख कई हुए भूमिगत
आजम खां और उनके करीबियों पर आयकर विभाग की कार्रवाई को देखकर रामपुर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद और बरेली के कई ऐसे लोग भूमिगत हो गए है। ये वैसे लोग हैं जो कभी आजम के करीबी हुआ करते थे और उन्होंने जौहर ट्रस्ट के लिए चंदा भी दिया था। ऐसे लोगों ने अपने घर से ऐसे दस्तावेज भी हटा दिए हैं जो आजम खां या जौहर ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं। ऐसे लोग अपने जानकारों को फोन करके यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आयकर विभाग की टीम कहां-कहां पहुंची।
बेनामी संपत्ति का राज खुलने की है संभावना
आयकर विभाग की कार्रवाई से जौहर ट्रस्ट के नाम पर हुए लेनदेन के साथ-साथ बेनामी संपत्ति का राज भी खुलने की संभावना है। क्योंकि रामपुर में कई ऐसे लोग हैं जिनके नाम पर करोड़ों की बेशकीमती जमीन है, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ऐसे नहीं है कि वो पॉश कॉलोनियों में मकान और जमीन खरीद सके।
साथ ही पिछले कुछ सालों में जमीन की पावर ऑफ अटार्नी के नाम पर जो खेल हुआ है उसका भी पर्दाफाश होने की संभावना है। रामपुर के एक शख्स के पास 300 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की शिकायत भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने कुछ साल पहले आयकर विभाग से की थी। यह शख्स कभी आजम खां का करीबी हुआ करता था। आयकर विभाग की टीम इस शख्स तक पहुंच चुकी है।