हरतालिका तीज व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व !!!

(Pi Bureau)

आज देशभर में हरतालिका तीज जिसे तीजा भी कहा जाता है मनाया जा रहा है। यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

हरतालिका तीज पूजा मंत्र
हिंदू धर्म ग्रंथों में किसी भी पूजा-अनुष्ठान में मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है। मंत्र जाप से भगवान जल्द प्रसन्न होते हैं और पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। आज हरतालिका तीज के मौके पर सुहागिन महिलाओं को शिव-पार्वती की पूजा में मंत्र ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र के साथ-साथ देवी शक्ति को प्रसन्न करने के लिए देवी मंत्र का जप भी करें।

देवी मंत्र – गौरी मे प्रीयतां नित्यं अघनाशाय मंगला। सौभाग्यायास्तु ललिता भवानी सर्वसिद्धये।।

जानिए हरतालिका तीज का अर्थ
हरतालिका तीज को तीजा के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत में रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है। उदया तिथि की मान्यता के अनुसार यह व्रत आज यानी 18 सितंबर को रखा जा रहा है। हरतालिका दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘हर’ का अर्थ है हरण करना और ‘तालिका’ का अर्थ है सखी। पार्वतीजी की सखी उन्हें पिता के घर से हरण करके जंगल में ले गई थी।

हरतालिका तीज की व्रत कथा
सुहागिन महिलाओं और विवाह योग्य हो चुकी महिलाओं के लिए हरतालिका तीज पर्व का विशेष महत्व होता है। हरतालिका तीज पर महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा-आराधना दिनभर करती हैं।शास्त्रों के अनुसार, हिमवान की पुत्री माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए हिमालय पर्वत पर अन्न त्याग कर घोर तपस्या शुरू कर दी थी। इस बात से पार्वतीजी के माता-पिता काफी चिंतित थे। तभी एक दिन देवर्षि नारद जी राजा हिमवान के पास पार्वती जी के लिए भगवान विष्णु की ओर से विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे। माता पार्वती शिव से विवाह करना चाहती थी अतः उन्होंने यह शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया।

पार्वती जी ने अपनी एक सखी को अपनी इच्छा बताई कि वह सिर्फ भोलेनाथ को ही पति के रूप में स्वीकार करेंगी। सखी की सलाह पर पार्वती जी ने घने वन में एक गुफा में भगवान शिव की आराधना की। भाद्रपद तृतीया शुक्ल के दिन हस्त नक्षत्र में पार्वती जी ने मिट्टी से शिवलिंग बनकर विधिवत पूजा की और रातभर जागरण किया। पार्वती जी के तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था।

हरतालिका तीज व्रत नियम
हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है। ऐसे में इस दिन गलती से भी पानी न पीएं।
प्रदोषकाल में मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा और आरती करें।
इस दिन घी, दही, शक्कर, दूध, शहद का पंचामृत चढ़ाएं।
सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ी, काजल सहित सुहाग पिटारा दें।
अगले दिन भोर में पूजा करके व्रत का पारण करें।

हरतालिका तीज पर इन पूजन सामग्री को जरूर शामिल करें
हरतालिका तीज सुहागिनों का सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस व्रत पर सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं पूजा से पहले सोलह श्रृंगार करती हैं। साथ ही पूजा के दौरान मां पार्वती को भी सुहाग का सामान अर्पित करती हैं। इस व्रत में कुछ खास चीजों का होना जरूरी होता है, क्योंकि इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, गुलाल, चंदन, मंजरी, कलावा, इत्र, पांच फल, सुपारी, अक्षत, धूप, दीप, कपूर, गंगाजल, दूर्वा और जनेऊ आदि।

सुहाग की सामग्री में बिंदी, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी, बिछिया, काजल, चूड़ी, कंघी, महावर आदि को शामिल करें।

हरतालिका तीज व्रत आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

आज हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर एक साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। हरतालिका तीज का व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत के कुछ राज्यों की सुहागिन महिलाएं रखती हैं। हरतालिका व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस व्रत में विवाहित महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां निर्जला व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरतालिका व्रत रखने के पीछे जीवन साथी को लंबी आयु प्राप्त हो और उनकी वैवाहिक जीवन सुखमय हो। इसके अलावा कुंवारी युवतियां मनचाहे वर की कामना से भी हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज के पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता अनुसार मां पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठिन तप किया था। तब शिवजी ने माता पार्वती के कठोर तप से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए थे और अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार्य किया था। हरतालिका तीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। तीज की शाम के समय महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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