(Pi Bureau)
पिछले चुनावों से बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है. उधर वोट प्रतिशत में भी गिरावट दर्ज की जा रही है. इस बीच भाजपा-सपा उसके मूल वोट में सेंध लगाने की भरकस प्रयास कर रही हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले बसपा ने भी अपनी रणनीति बदल दी है. अब उसने दलित-मुस्लिम समीकरण तक सीमित रहने के बजाए सर्वसमाज को साधने का फैसला किया है. इसमें भी गरीब सवर्णों को अपने पाले में खींचने का पदाधिकारियों को खास निर्देश दिए गए हैं.
कैडर कैम्प के साथ सर्वसमाज संग बैठक- बसपा के यूपी अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि गांव-गांव कैडर कैम्प जारी हैं. इसमें बसपा के गठन, बाबा साहब और पार्टी संस्थापक कांशीराम, बहुजन समाज के महापुरुषों के विचारों से जनता को अवगत कराया जा रहा है. इन कैडर कैम्प के अलावा बैठकों में सर्वसमाज को बुलाया जा रहा है. खासकर गरीब सवर्ण को पार्टी से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है. पार्टी लोकसभा का चुनाव सर्वसमाज का सहयोग लेकर लड़ेगी. यूपी में 2007 में सर्वसमाज की बदौलत ही बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी.
बसपा ने अभी गठबन्धन से बनाई दूरी
बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव खुद के दम पर लड़ने का ऐलान किया है. उन्होंने किसी भी गठबंधन में शामिल होने से इनकार किया है. ऐसे में दावा है पार्टी को सभी सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए संगठन का विस्तार किया जा रहा है. बहुजन विचारधारा वाले लोगों को प्रशिक्षण देकर कैडर तैयार किया जा रहा है. साथ ही साथ बूथ और सेक्टर लेवल पर समीक्षा का काम भी जारी रहेगा.
चुनाव में बसपा का यह भी है प्लान
राज्य में 1 लाख 74 हजार 359 बूथ हैं. बसपा का दावा है हर बूथ पर 5 सदस्यों की कमेटी बना दी गई है. इसके जरिए उसने 8 लाख 71 हजार 795 कार्यकर्ताओं की फौज गठित कर दी है. वहीं, 10 बूथ पर एक सेक्टर कमेटी बनाई गई है. ऐसे में प्रदेश में करीब 17 हजार 435 सेक्टर कमेटी बनाने का दावा है. एक सेक्टर कमेटी में 12 मेम्बर हैं. लिहाजा सेक्टर कमेटियों में 2 लाख 9 हजार 220 पदाधिकारी व सदस्य रहेंगे. यह काम लगभग पूरा हो गया है. ऐसे में बीएसपी राज्य में 10 लाख 81 हजार से ज्यादा मुख्य कार्यकर्ताओं की टीम खड़ी कर ली है. इसके अलावा कैडर बनाकर लोगों को जोड़ जा रहा है.