(Pi Bureau) मेरठ। 85 साल की बूढ़ी मां घर से बिना बताए कहीं चली ना जाए, इसलिए बेटे-बहू ने उसके पैर में जंजीर बांधकर ताला लगा दिया। बूढ़ी मां ने भी इसका विरोध नहीं किया। वह दिनभर जंजीर से बंधे पैर और उसमें लगे ताले के साथ एक ऑटो की सीट पर अपना दिन गुजारती है। रात में बेटा-बहू उसे अपने साथ घर के अंदर ले जाते हैं। बहू ने बताया मां को खाना खिलाने के बाद भी बोलती है कि उन्होंने खाना नहीं खाया।लोहिया नगर की कांशीराम कालोनी में बूढ़ी महिला को जंजीर से बांधकर ताला लगाने का मामला सामने आया है।
यहां रहने वाली आबिदा ने बताया कि उसकी सास अकबरी बेगम मानसिक रूप से बीमार है। जिस कारण उसे कुछ याद नहीं रहता। वह बिना बताए घर से चली जाती हैं। कालोनी में इधर-उधर जाने से वह कई बार चक्कर खाकर गिर जाती है। जिससे उसके चोट लगती है। सास जब बिना बताए घर से बाहर कहीं चली जाती है तो उसे कालोनी में लोग पत्थर मारते हैं। तीन महीने से सास के पैर में जंजीर बांध कर रखा है। केवल दिन में ऐसा करते हैं रात में अपने साथ घर के अंदर ले जाते हैं। इनका डॉक्टर से इलाज भी चल रहा है।
भूलने की बीमारी से ग्रसित आबिदा
आबिदा ने कहा कि खाना दिन में चाहे कितनी बार दे दो, वह यही कहेगी कि मैंने खाना नहीं खाया। उनकी भूलने की बीमारी की वजह से ही उन्हें इस तरह से रखने पर वह मजबूर हो रहे हैं। पड़ोसियों ने बताया कि बुजुर्ग महिला के पति सरकारी नौकरी में थे और उनकी मृत्यु के बाद पेंशन के पैसे उसे ही मिलते हैं, जो उसका बेटा खर्च करता है। बेटा कचहरी में एक वकील के यहां मुंशी है।
पुलिस ने किया जंजीर मुक्त
इस मामले की सूचना मिलने पर थाना खरखौदा पुलिस मौके पर पहुंची और आबिदा से पूछताछ की। बाद में पुलिस की मौजूदगी में आबिदा की सास को पुलिस ने जंजीर से मुक्त कराकर घर के अंदर कराया। एसपी सिटी मानसिंह चौहान ने कहा कि बुजुर्ग महिला को जंजीर से बांधकर रखने की सूचना मिलने पर थाना खरखौदा पुलिस को मौके पर भेजा गया था। अभी यही पता चला है कि बुजुर्ग महिला को भूलने की बीमारी के कारण परिजनों से उसे बांधकर रखा है। किसी महिला के साथ ऐसा व्यवहार ठीक नहीं है। पुलिस अपने स्तर से जो हो सकता है, कार्रवाई कर रही है।