लगातार छह दिनों की गिरावट के बाद हरे निशान पर हुआ हफ्ते का समापन, जानें बीयर्स हावी रहेंगे या बुल्स

(Pi bureau)

भारत के शेयर बाजारों में शुक्रवार को राहत भरी तेजी लौटी और छह दिन से जारी गिरावट थम गई क्योंकि कारोबारियों का मानना है कि बाजार में हालिया गिरावट में खरीदारी से भविष्य में पैसे बना सकेंगे। हालांकि विश्लेषक इस निष्कर्ष पर पहुंचने में संकोच कर रहे हैं कि भू-राजनीतिक तनाव और उच्च अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल को लेकर चिंताओं के कारण बाजार में फिलहाल तेजी आएगी। शुक्रवार को निफ्टी 190 अंकों यानी 1.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,047.25 जबकि सेंसेक्स 634.65 अंकों यानी 1.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 63,782.80 के लेवल पर बंद हुआ।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के तकनीकी प्रमुख धर्मेश शाह ने कहा, ”पिछले छह कारोबारी सत्रों में ओवरसोल्ड श्रेणी में रहने के बाद तकनीकी खींचतान के कारण बाजार में सुधार आया है।” हालांकि उनके अनुसार यह कहना जल्दबाजी होगी बाजार में और गिरावट नहीं होगी। बाजार (निफ्टी) में फिलहाल आई तेजी 19,400 के स्तर तक जारी रह सकती है।

जेपी मॉर्गन ने बीते हफ्ते भारत की रेटिंग को अपग्रेड कर ओवरवेट किया

जेपी मॉर्गन ने भी भारत पर अपनी रेटिंग को ओवरवेट में अपग्रेड कर दिया है उसका मानना है हालिया गिरावट खरीदारी के लिए एक मौका है। आम चुनावों को देखते हुए बाजार का रुख सकारात्मक रहने के आसार हैं। बाजार में गिरावट के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बिकवाली जारी रखी और 1,500 करोड़ रुपये की निकासी की। एफपीआई बाजार से अक्तूबर महीने में 20356 करोड़ रुपये के शेयर डंप कर चुका है।

नुवामा प्रोफेशनल क्लाइंट्स ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष (शोध) संदीप रैना के अनुसार शेयर बाजार में फिर से गिरावट आने से पहले कुछ दिनों की रिकवरी देखने को मिल सकती है। रैना ने कहा, “हालांकि यह घबराहट की स्थिति नहीं है, फिर भी हम अत्यअधिक उतार-चढ़ाव देख सकते हैं, यह स्थिति 3-4 महीनों में निफ्टी को 18,000 तक नीचे ला सकता है। लेकिन गिरावट की यह रफ्तार बहुत धीमी होगी।”

वॉल स्ट्रीट में कमजोरी के बावजूद एशियाई बाजारों में रही तेजी

एशिया के अन्य बाजारों में वॉल स्ट्रीट में कमजोरी के बावजूद तेजी रही। चीन 0.99 प्रतिशत, हांगकांग 2.08 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया 0.16 प्रतिशत और ताइवान 0.38 प्रतिशत मजबूत हुए। एसएंडपी 500 शुक्रवार को 0.48% की गिरावट के साथ 11 दिनों में अपनी नौवीं गिरावट और पांच महीने में अपने सबसे निचले स्तर से नीचे आ गया।

डाउ जोंस 310 अंक या 0.95 प्रतिशत नीचे रहा जबकि नैस्डैक कम्पोजिट 0.31% ऊपर रहा। पैन-यूरोप इंडेक्स स्टोक्स 600 0.84% नीचे कारोबार करता दिखा। गुरुवार तक छह कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बेंचमार्क लगभग 5% गिर गए थे क्योंकि बेंचमार्क यूएस 10-वर्षीय ट्रेजरी बिलों में 16 वर्षों में पहली बार 5% तक वृद्धि हुई थी और गाजा में संघर्ष ने जोखिम को और बढ़ा दिया था। निफ्टी गुरुवार को 28 जून के बाद पहली बार 19,000 के नीचे बंद हुआ। सप्ताह के दौरान,सेंसेक्स 2.47% और निफ्टी 2.53% नीचे आया।

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