(Pi bureau)
हिन्दी पट्टी के राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ के विधानसभा चुनाव की मतगणना रविवार को होगी। तीनों राज्यों के चुनाव नतीजे लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की भी राजनीतिक दशा तय करेंगे। तीनों राज्यों में भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा ने मुकाबला किया है, लिहाजा चुनाव के नतीजे चारों ही प्रमुख दलों पर असर डालेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों का बिगुल बज जाएगा। जैसा की एग्जिट पोल बता रहे यदि भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने और मध्यप्रदेश में सरकार बचाने में सफल रही तो यूपी में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं का हौंसला बुलंद होगा। पार्टी को जनता के बीच विपक्षी दलों के खिलाफ माहौल बनाने में आसानी होगी। वहीं यदि नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं आए तो कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होगा। विपक्षी दल प्रभावी होने पर पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
विधानसभा और लोकसभा में जीतेगी भाजपा
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक का कहना है कि तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम लोकसभा चुनाव पर असर नहीं डालेंगे। लोकसभा चुनाव में जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और नेतृत्व पर मतदान करेगी। उन्होंने कहा कि 2018 विधानसभा चुनाव में भी इन दिनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी थी लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में यूपी, राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में भाजपा को प्रचंड जीत मिली थी।
यूपी के नेताओं के राजनीतिक कौशल की भी परीक्षा
तीनों राज्यों के चुनाव में यूपी भाजपा के नेताओं के राजनीतिक कौशल की भी परीक्षा होगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जेपीएस राठौर, आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु, राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, एमएलसी महेंद्र सिंह, प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी सहित अन्य नेता चुनाव प्रचार और प्रबंधन में जुटे थे।
योगी का कद और लोकप्रियता बढ़ेगी
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में रहते हैं तो इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राष्ट्रीय राजनीति में कद और बढ़ेगा। साथ ही उनकी लोकप्रियता भी पहले से ज्यादा होगी। राजस्थान में 200 में से 182 विधानसभा क्षेत्रों में योगी की सभा, रैली और रोड शो की मांग हुई थी। योगी ने सबसे अधिक समय भी राजस्थान में ही दिया है।