(Pi Bureau)
प्रदेश सरकार अयोध्या में जनवरी में होने जा रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में जुटी हुई है। इसके तहत पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम के साथ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कार्यक्रम प्रसारित किए जायेंगे। इसके लिए संस्कृति विभाग ने सोशल मीडिया के बड़े इन्फ्लूएंसर्स से संपर्क किया है।
राममंदिर के उद्घाटन से पहले अयोध्या के विकास, राममंदिर और प्रभु श्रीराम से जुड़ी गाथाओं को सोशल मीडिया पर जोर-शोर से प्रसारित किया जाएगा। वहीं मंदिर के उद्घाटन के दौरान आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को भी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया जाएगा।
दीपोत्सव की तर्ज पर राम कथा से जुड़े हुए विभिन्न प्रसंगों को रील्स के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे इन्फ्लूएंसर्स से विभाग संपर्क कर रहा है। विभाग की ओर से इस पर 25 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे।
पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि इसके साथ ही श्री वाल्मीकि रामायण व रामचरित मानस के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनेगी। संस्कृति विभाग की ओर से विभिन्न लेखकों द्वारा प्रभु श्रीराम के जीवन दर्शन पर आधारित विभिन्न पुस्तकों के विमोचन का भी कार्यक्रम निर्धारित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसी के तहत देश व विदेश के कई गायकों द्वारा बनाए गये रामायण पर आधारित एल्बम को भी रिलीज किया जाएगा। इसके लिए एक करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
ड्रोन शो और वाटर स्क्रीन पर होगा लेजर शो
इस खास अवसर पर रामायण से जुड़े हुए प्रभु श्रीराम से संबंधित विभिन्न प्रसंगों को जल, नभ और थल तीनों माध्यमों से भव्य रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इस क्रम में संस्कृति विभाग सरयू के तट पर प्रोक्शन मैपिंग के माध्यम से रामकथा की प्रस्तुति, ड्रोन शो, सरयू में वाटर स्क्रीन्स पर लेजर शो के माध्यम से विभिन्न कथाओं का प्रस्तुतिकरण कराएगा। कुछ और भी कार्यक्रम प्रस्तावित किए जा रहे हैं। इस पर 10 करोड़ खर्च किये जाएंगे।
रामपथ पर एक रंग में संवरने लगे भवन
रामपथ, जन्मभूमि पथ, भक्तिपथ के जिन हिस्सों पर चौड़ीकरण का काम पूरा होता जा रहा है, वहां की दुकानों पर फसाड भी तैयार होने लगे हैं। ज्यादातर इलाकों में भवनों पर बन रहे रामायण कालीन चिन्ह अलग छटा बिखेर रहे हैं।
खासतौर पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर शंख, त्रिशूल, तीर धनुष, गदा, चक्र, स्वास्तिक, भगवा ध्वज, जैसे चिन्ह एक खास रंग में बनाए जा रहे हैं। गाढ़े मैरून रंग की पृष्ठभूमि पर सफेद व गेरूए रंग से ये कलाकृतियां अलग ही छटा बिखेर रही हैं। लगभग 13 किलोमीटर का रामपथ 798 करोड़ की लागत से विकसित किया जा रहा है।