(Pi bureau)
सदियों की प्रतीक्षा अब समाप्त होने जा रही है। सोमवार को दोपहर 12.05 बजे से 12.55 के बीच वह शुभ घड़ी रहेगी, जब कमल नयन की अचल प्रतिमा वैदिक मंत्रों के बीच अपने दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित हो जाएगी।
रामनगरी में सनातन संस्कृति के इस स्वर्णिम कालखंड का साक्षी बनने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं उस स्थान पर उपस्थित रहेंगे, जिसे रामलला का गर्भगृह कहा जाता है। रामजन्मभूमि में पीएम मोदी करीब साढ़े चार घंटे रहेंगे।
इस पावन अवसर का सहभागी बनने के लिए पीएम का वायुयान उन्हें लेकर सुबह साढ़े दस बजे के करीब उस एयरपोर्ट पर उतरेगा, जिसका नामकरण रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है।
यहां से भी वह हेलीकॉप्टर पर सवार होकर साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड पर उतरेंगे, जहां से सड़क मार्ग से होते हुए दोपहर 11 बजे वह राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेंगे।
इसके बाद एक घंटे का समय परिसर के अवलोकन, भेंट आदि में बिताने के साथ वह यहीं अनुष्ठान के लिए तैयार होंगे और उसके बाद प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में पहुंच जाएंगे।
इसके बाद करीब 50 मिनट वह अद्भुत समय होगा, जिसमें 500 वर्ष की प्रतीक्षा समाप्त हो जाएगी। इसका साक्षी बनने के लिए सात हजार से अधिक श्रेष्ठजन भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रमुख अतिथियों को संबोधित करेंगे।
इसके बाद दोपहर दो से ढाई बजे के बीच पीएम उस कुबेर टीले पर जाएंगे, जिसके बारे में वर्णित है कि यहां स्वयं कुबेर ने शिवलिंग की स्थापना की थी। इसी स्थान पर जटायु की प्रतिमा भी स्थापित है। यहां शिव के दर्शन के बाद उनसे अनुमति देकर प्रधानमंत्री रामनगरी से प्रस्थान करेंगे।