(Pi bureau)
ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 839 पेज की सर्वे रिपोर्ट पांच लोगों को मिल गई है। रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। ज्ञानवापी परिसर में जनार्दन, रुद्र और विश्वेश्वर के शिलालेख मिले हैं। रिपोर्ट में महामुक्ति मंडप लिखा है। इसके अलावा शिवलिंग, कृष्ण, हनुमान और भगवान विष्णु की मूर्ति मिली हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 1669 में दो सितंबर को मंदिर ढहाया गया था। जो पहले मंदिर के पिलर थे उनका इस्तेमाल मस्जिद के लिए किया गया। जो तहखाना S2 है, उसमें हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां थीं।
एसेट नंबर 005
यह एक मार्बल की स्लैब है, जिसपर पर राम लिखा हुआ है। फिलहाल यह सही परिस्थिति मिला है। इसकी लंबाई 15.5 सेंटीमीटर, चौड़ाई नौ सेंटीमीटर और मोटाई दो सेंटीमीटर है।
एसेट नंबर 70
यह एक टूटा हुआ शिवलिंग है, जो मार्बल का है। इसकी लंबाई पांच सेंटीमीटर है।
एसेट नंबर 296
यह एक गदा है, जिसका निचला हिस्सा टूटा हुआ है। यह सेंडस्टोन का बना हुआ है। इसकी लंबाई नौ सेंटीमीटर और व्यास 10.3 सेंटीमीटर है।
एसेट नंबर 12
यह एक मकर है, जो पत्थर का बना है। इसकी लंबाई 42 सेंटीमीटर, ऊंचाई 24 सेंटीमीटर और चौड़ाई 12 सेंटीमीटर है। इसके शरीर पर मछली की तरह उकेरे गए निशान हैं। इसका मुंह ऊपर की और खुला हुआ है और इसकी पूंछ टूटी हुई है।
एसेट नंबर 296
यह एक गदा है, जिसका निचला हिस्सा टूटा हुआ है। यह सेंडस्टोन का बना हुआ है। इसकी लंबाई नौ सेंटीमीटर और व्यास 10.3 सेंटीमीटर है।
एसेट नंबर 12
यह एक मकर है, जो पत्थर का बना है। इसकी लंबाई 42 सेंटीमीटर, ऊंचाई 24 सेंटीमीटर और चौड़ाई 12 सेंटीमीटर है। इसके शरीर पर मछली की तरह उकेरे गए निशान हैं। इसका मुंह ऊपर की और खुला हुआ है और इसकी पूंछ टूटी हुई है।
एसेट नंबर 87
यह एक योनिपट्ट है, जो मार्बल का बना है। इसकी चौड़ाई आठ सेंटीमीटर है और मोटाई 1.5 सेंटीमीटर है। इसके केंद्र से शिवलिंग टूटा हुआ है।
एसेट नंबर 56
यह सात टोकन मिले हैं, जो धातु के हैं। रिपोर्ट में इसे आधुनिक काल के बताए गए हैं और इसका व्यास 3.1 सेंटीमीटर है।
एसेट नंबर 112
यह एक योनिपट्ट है, जो सेंडस्टोन का बना है। यह 21 सेंटीमीटर ऊंचा, छह सेंटीमीटर चौड़ा और इसका व्यास 14 सेंटीमीटर है। इस पर एक सांप की आकृति है और आगे से यह खंडित है।
एसेट नंबर 71
यह एक शीशे का पेंडेंट है। जिसे आधुनिक काल का बताया गया है। इसकी लंबाई और चौड़ाई दो सेंटीमीटर है। यह ज्यामितीय आकार में है और इसके दोनों और छेद है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसे एक आभूषण के तौर पर इस्तेमाल किया जाता होगा।
एसेट नंबर 54
यह एक महिला की खंडित मूर्ति है, जो टेराकोटा की बनी है। इसकी ऊंचाई आठ सेंटीमीटर, चौड़ाई तीन सेंटीमीटर और मौटाई सात सेंटीमीटर है। इसने साड़ी और आभूषण पहना हुआ है। सिर साड़ी के पल्लू ढका है।
एसेट नंबर 49
यह एक हाथी के शरीर का हिस्सा है, जो सेंडस्टोन से बनाया गया है। इसकी लंबाई-चौड़ाई 13-13 सेंटीमीटर और गोलाई 10 सेंटीमीटर है।
एसेट नंबर 35
यह एक महिला की मूर्ति है, जो टेराकोटा की बनी हुई है। रिपोर्ट में इसे आधुनिक काल का बताया गया है। इसकी लंबाई 8 सेंटीमीटर, चौड़ाई 5.5 सेंटीमीटर और गोलाई 2.5 सेंटीमीटर है। मूर्ति में महिला पैर मोड़कर बैठी हुई नजर आ रही है।
एसेट नंबर 26
यह हनुमान की मूर्ति है, जो मार्बल की बनी हुई है। इसकी लंबाई 21.5 सेंटीमीटर, चौड़ाई 16 सेंटीमीटर और गोलाई पांच सेंटीमीटर है। मूर्ति में हनुमान का बांया पैर घुटने से मुड़ा हुआ है और दांया पैर जमीन पर टिका हुआ है।
एसेट नंबर 26
यह भगवान कृष्ण की मूर्ति है, जो सेंटस्टोन से बनी हुई है। इसकी लंबाई 15 सेंटीमीटर, चौड़ाई आठ सेंटीमीटर और मोटाई पांच सेंटीमीटर है। मूर्ति का सिर नहीं है और दोनों हाथ भी टूटे हुए हैं। लेकिन दांया कंधा ऊपर की ओर उठा हुआ दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनकी संरचना के आधार इस मूर्ति को भगवान कृष्ण का माना गया है। इनके गले में माला और यज्ञोपवीत है इसके अलावा नीचे धोती है।
एसेट नंबर 6
यह तीन हिस्सों में मिली हनुमान की मूर्ति है, जो मार्बल की बनी हुई है। इसकी लंबाई 36 सेंटीमीटर, चौड़ाई 23 सेंटीमीटर और मोटाई दो सेंटीमीटर है। पहले हिस्से में इनके सिर पर मुकुट है। दूसरे हिस्से में दाएं हाथ में गदा धारण किए नजर आ रहे हैं, जबकि बांया हाथ टूटा हुआ है। गले में माला है, कमर बंध है और पीछे शॉल है। तीसरे हिस्से में बांया पैर टूटा हुआ नजर आ रहा है।
ज्ञानवापी परिसर की दीवार पर तेलगू और कन्नड़ लिपि में लेख लिखी हुई नजर आ रही हैं।