(Pi Bureau)
रामनगरी अयोध्या सप्तपुरियों में से एक है। अयोध्या की पावनता से आकृष्ट होकर ही अन्य धर्मावलंबियों ने इस सिद्धस्थल को अपना आश्रय बनाया। तभी तो अयोध्या में जैन, बौद्ध, सिख, मुस्लिम, शैव-शाक्त, वैष्णव परंपरा भी खूब फली-फूली। यहां राममंदिर के अलावा भी कई ऐसे स्थल हैं, जो भक्त-श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं।
सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी, कनकभवन, छोटी देवकाली, नागेश्वरनाथ मंदिर में रोजाना हजारों भक्त उमड़ते हैं। यहां जैन मंदिर व गुरुद्वारे भी हैं। रामनगरी में दर्जनों की संख्या में कुंड व सरोवर हैं, जो रामनगरी की पौराणिकता की गवाही देते हैं।
हनुमानगढ़ी, राममंदिर से दूरी 500 मीटर
इसका निर्माण एक किले की आकृति में हुआ है। 76 सीढ़ियां चढ़ कर यहां पहुंचा जा सकता है। मान्यता है कि यह वह स्थान है, जहां हनुमान जी एक गुफा में रहकर नगर की रक्षा करते हैं। इस मंदिर में हनुमान जी की एक स्वर्ण प्रतिमा स्थापित है। यह अयोध्या के प्रख्यात धार्मिक स्थलों में से एक है।
-खुलने का समय सुबह 04:00 बजे से रात 10:00 तक
श्री नागेश्वरनाथ मंदिर, राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
भगवान नागेश्वर नाथ जी अयोध्या के प्रमुख अधिष्ठाता माने जाते हैं। भगवान राम के पुत्र कुश ने भगवान नागेश्वरनाथ जी को समर्पित इस सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां स्थापित शिवलिंग प्राचीन काल का है। मंदिर का वर्तमान भवन 1750 ईस्वी में निर्मित हुआ था।
– खुलने का समय सुबह 04:00 बजे से रात 10:00 तक
कनक भवन, राममंदिर से दूरी 500 मीटर
टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) की रानी वृषभानु कुंवरि ने वर्ष 1891 में उत्कृष्टता से अलंकृत इस मंदिर का निर्माण करवाया था। मुख्य मंदिर में एक आंतरिक खुला भाग है। सीता माता व भगवान राम के साथ उनके तीनों भाइयों की मूर्तियां स्थापित हैं।
-खुलने का समय- सुबह 09:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक। शाम 4:30 से रात 9:30 तक।
दशरथमहल, राममंदिर से दूरी 700 मीटर
इसी महल में भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। उस काल में इसे प्रसूतिघर कहा जाता था। इसे राजा दशरथ ने बनवाया था। यहां भगवान राम की मूर्ति स्थापित है। माता सीता, लक्ष्मण व भरत की भी मूर्तियां हैं। वर्तमान भवन का जीर्णेाद्धार 300 साल पहले रामप्रसादाचार्य ने कराया था।
खुलने का समय
-सुबह छह बजे से 12 बजे तक। शाम पांच बजे से रात नौ बजे तक।
जैन मंदिर, राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थल ही नहीं, बल्कि जैनियों के लिए भी बहुत उच्च महत्व का स्थान है। मान्यता है कि यहां पांच जैन तीर्थंकरों ने जन्म लिया है। स्वर्गद्वार के पास भगवान आदिनाथ का मंदिर, गोलाघाट के पास भगवान अनंतनाथ का मंदिर, रामकोट में भगवान सुमननाथ का मंदिर, सप्तसागर के पास भगवान अजीतनाथ का मंदिर व सराय में भगवान अभिनंदन नाथ का मंदिर दर्शनीय है। रायगंज क्षेत्र में भी एक विशाल जैन मंदिर स्थापित है। इसमें प्रथम तीर्थांकर भगवान आदिनाथ (ऋषभदेवजी) की 21 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है।
छोटी देवकाली मंदिर राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
श्रृंगारहाट में स्थित यह मंदिर हिंदू महाकाव्य महाभारत की अनेक दंतकथाओं से संबंधित है। किवदंतियों के अनुसार, माता सीता अयोध्या में भगवान राम के साथ अपने विवाहोपरांत देवी गिरिजा की मूर्ति के साथ आई थीं। राजा दशरथ ने सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया और मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कराया। मान्यता है कि इस मंदिर में साक्षात पार्वती जी विराजमान हैं। वर्तमान में इसे देवी देवकाली मंदिर के नाम से जाना जाता है।
खुलने का समय, सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक
सरयू नदी- राममंदिर से दूरी दो किलोमीटर
उत्तर प्रदेश के प्रमुख जलमार्गों में से एक सरयू नदी का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों वेद व रामायण में मिलता है। सरयू को मोक्षदायिनी कहा जाता है। विभिन्न धार्मिक अवसरों पर हजारों श्रद्धालु वर्ष भर इस नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए आते हैं।
सरयू की शाम की आरती- छह बजे से सात बजे के बीच।
गुरुद्वारा, राममंदिर से दूरी एक किलोमीटर
-ब्रह्म कुंड व नज़रबाग में स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर व गुरु गोविंद सिंह जी से संबंधित है। बड़ी संख्या में अनुयायी इन गुरुद्वारों के दर्शन करते हैं और श्रद्धा से शीश झुकाते हैं।
सूरज कुंड, राममंदिर से दूरी चार किलोमीटर
यह दर्शन नगर में चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित है। सूरज कुंड बहुत बड़ा तालाब है, जो चारों ओर से घाटों से घिरा है। मान्यता है कि सूर्यकुंड में स्नान करने से चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। यहां सूर्य मंदिर भी स्थापित है। हर रविवार को भक्त उमड़ते हैं। यहां रोजाना शाम को लेजर शो होता है।
गुप्तार घाट, राममंदिर से दूरी आठ किलोमीटर
सरयू नदी के किनारे स्थित वह स्थान, जहां भगवान राम ने जल समाधि ली थी। राजा दर्शन सिंह ने इसे 19वीं शताब्दी के पहले चरण में निर्मित करवाया था। यहां घाट पर राम जानकी मंदिर, पुराना चरण पादुका मंदिर, नरसिंह मंदिर, आदि हनुमान मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। सरकार ने इसका भव्य सुंदरीकरण कराया है।