भाजपा की जीत पर बोलेे शाह- जातिवाद और तुष्टिवाद के विरुद्ध ये विकासवाद की जीत

(Pi Bureau) नई दिल्ली। गुजरात-हिमाचल में बीजेपी की जीत पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह चुनाव परिणाम राजनीतिक वंशवाद के खिलाफ टास्क परफॉर्मेंस व विकास की जीत है। उन्होंने कहा कि गुजरात में बीजेपी के पक्ष में मत प्रतिशत 2012 के 47.85 फीसद से बढ़कर 49.10 हो गया है। शाह ने कहा है कि ये वंशवाद, जातिवाद और तुष्टिवाद पर विकासवाद की जीत है।

दोनों राज्यों में जीत के बाद पार्टी मुख्यालय पहुंचे शाह का कार्यकर्ताओं ने जबर्दस्त स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं तबसे इन नासुरों- जातिवाद, वंशवाद और तुष्टिवाद से राजनीति को मुक्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उसी क्रम में उत्तर प्रदेश के बाद गुजरात में लोगों ने लोकतंत्र के इन नासुरों को हटाने को कोशिश की है।

शाह ने कहा कि गुजरात में 1990 के बाद से बीजेपी कभी भी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में हारी नहीं है। उन्होंने कहा कि साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में हमें 47 फीसदी मत मिले थे, वहीं इस बार के चुनाव में हमें 49 फीसदी से अधिक मत मिले हैं। इससे पता चलता है कि बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ी है। शाह ने कहा कि जहां तक हिमाचल की बात है, हम वहां बड़े अंतर से चुनाव जीते हैं। पिछले चुनाव की तुलना में हमें लगभग 10 फीसदी अधिक मत मिले हैं। राज्य में दो तिहाई से अधिक बहुतम से हमारी सरकार बनेगी।

शाह ने कहा कि बीजेपी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में सरकार बनायेगी तथा उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि उनके गृह राज्य में कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला था। शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीजेपी के पक्ष में चुनाव परिणाम राजनीतिक वंशवाद के विरुद्ध कार्य निष्पादन एवं विकास की जीत है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या गुजरात में कांग्रेस के साथ कड़ा मुकाबला था तो उन्होंने कहा कि जीत के अंतर में अपने प्रतिद्वंद्वी से आठ फीसद आगे रहना ‘कांटे की टक्कर’ नहीं कहा जा सकता। शाह ने गुजरात में भाजपा की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता तथा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किये गये जनकल्याणकारी कार्यों को दिया।

हालांकि, कांग्रेस ने अमित शाह और नरेंद्र मोदी पर इस हार पर भी निशाना साधा। रणदीप सुरजेवाला और अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे बीजेपी की हार बता डाला। गुजरात पर उन्होंने कहा कि जो कहते थे कि 150 से कम सीटें आईं तो हम जश्न नहीं मनाएंगे, ये नतीजा उनकी शिकस्त है।

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