(Pi Bureau)
किसान संगठनों के आंदोलन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की हरियाणा सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार से मांग है। उन्होंने किसानों के दिल्ली जाने के तरीके पर आपत्ति जताई है। सीएम ने कहा कि दिल्ली जाना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है, मगर दिल्ली कैसे जाना है और मकसद क्या है, इसका भी ध्यान रखना होगा।
सीएम ने कहा कि इसका अनुभव हरियाणा पिछले एक दो साल में देख चुका है। लोगों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। आज भी उनके वीडियो संदेश आ रहे है कि हमें बचा लीजिए। हमारा सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। किसानों के तरीकों पर आपत्ति जताते हुए सीएम ने कहा कि जिस तरह से आक्रमण करने के लिए सेना चलती है, उस तरह का माहौल बनाया जा रहा है। ट्रैक्टर, ट्राली, जेसीबी, हाइड्रो और एक साल का राशन लेकर चलने का आह्वान किया जा रहा है। ऐसे में हमें अपने नागरिकों की सुरक्षा करनी भी जरूरी है। हमें उनके दिल्ली जाने पर कोई आपत्ति नहीं बल्कि उनके तरीकों पर आपत्ति है। वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट या अपने वाहन से दिल्ली जा सकते हैं, लेकिन ट्रैक्टर ट्राली से जाना ठीक नहीं है। ट्रैक्टर तो खेती के लिए है। यदि कोई बात रखनी है तो लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी बात रखें।
सीएम ने कहा कि बातचीत से ही सारे मामले सुलझते हैं। कई बार मामले सुलझते भी नहीं है, क्योंकि लोगों के अलग-अलग स्टैंड होते हैं। ऐसे मामलों के लिए भी प्लेटफॉर्म बने हुए हैं। लोकसभा में मामले उठाएं या विधानसभा में उठाएं। जनता के प्रतिनिधि भी लोगों के बीच से चुनकर आते हैं। उनके जरिये अपनी बात रखें। यदि ऐसे इन लोगों को जाने दे दिया तो हम लोगों ने देखा है कि किस तरह से लालकिला पर तांडव किया था। लोकतांत्रिक देश में इस चीज की स्वीकार्यता नहीं है।
सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि मैं गुरनाम सिंह चढूनी की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ कर जाएंगे और किसानों की मागें लोकसभा और विधानसभा में उठाएंगे।
मोदी का ग्राफ नीचे नहीं आएगा बल्कि बढ़ेगा
पंजाब किसान नेता डल्लेवाल के पीएम मोदी का ग्राफ नीचे लाने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि इससे उनकी (डल्लेवाल) की सोच का पता चलता है। यह एक राजनीतिक बयान है। जिस तरह से वह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्या उससे पीएम मोदी का समर्थन करना लोग बंद कर देंगे, बल्कि उनका समर्थन बढ़ेगा। क्योंकि उनकी सच्चाई सबके सामने आ रही है और लोग भी उनके तरीके को पसंद नहीं कर रहे हैं।
हमारे किसान संतुष्ट, जितना हम दे रहे हैं, उतना पंजाब दे तो आधी समस्या हल हो जाए
सीएम ने कहा कि हरियाणा का किसान संतुष्ट है। हम 14 फसलों को एमएसपी पर खरीदते हैं। फसलों के नुकसान पर मुआवजा सीधे खाते में डालते हैं। जमीन का अधिग्रहण नहीं करते हैं। यदि किसी किसान को जमीन बेचनी है तो वह ई-भूमि के पोर्टल पर डाल देता है। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। पंजाब सरकार कितनी फसलों को एमएसपी पर खरीदता है। एक या दो। यदि पंजाब के किसान अपनी मांगें पंजाब सरकार के सामने रखे और सरकार उनकी मांगें मान ले तो आधी समस्याएं तो उनकी वहीं खत्म हो जाएगी।
किसी का सहयोग तो जरूर है
क्या किसान संगठनों का आंदोलन राजनीति से प्रेरित है, इस सवाल के जवाब पर सीएम ने कहा कि उनके व्यवहार देखकर लगता है कि उन्हें किसी का सहयोग तो है। पंजाब सरकार चाहती तो उन्हें रोकने की कोशिश करती। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। कहीं न कहीं कोई अंडरस्टैडिंग रही होगी। दिल्ली वाले तो कहते हैं कि हम किसानों की मूवमेंट के साथ है। मांगों का तो समर्थन किया जा सकता है, लेकिन जिस तरह से वह आंदोलन चला रहे हैं, उसका समर्थन करने से गलत संदेश जाएगा।