(Pi bureau)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व स्वामी प्रसाद मौर्य ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित किये जाने से किसान आंदोलन के अंदर एक नई ऊर्जा आई है क्योंकि इन तथाकथित राजनीतिक चंदों के नाम पर जो लोग पिछले दरवाजे से भाजपा की हथेली गरम करके खेती-किसानी से जुड़े कारोबारों पर क़ब्ज़ा करके अपना व्यापारिक स्वार्थ साधना चाहते थे, अब वो भाजपा को चंदा नहीं देंगे। भाजपा पैसे के लालच में गाँव, ग़रीब, किसान, मज़दूर का जो हक़ मार रही थी, वो सब अब धीरे-धीरे ख़त्म होगा।
अब ये बात किसानों-मज़दूरों व भाजपा विरोधी लोगों द्वारा देश के हर गाँव, गली, मोहल्ले तक पहुंचनी चाहिए कि ‘भ्रष्ट भाजपा’ कैसे अमीरों से पैसे लेकर आम जनता के खिलाफ साजिश रचती है और भावनात्मक रूप से भोली-भाली आम जनता का शोषण करके अपना उल्लू सीधा करती है। पैसे लेकर सवाल पूछने के झूठे आरोपों पर जब किसी सांसद की सदस्यता जा सकती है, तो पैसे लेकर किसान-मज़दूर विरोधी नीतियाँ बनाने पर तो भाजपा के सभी सांसदों की सामूहिक सदस्यता चली जानी चाहिए। ‘दाने बांटकर खेत लूटनेवाली भाजपा’ का मुखौटा अब उतर गया है। जनता जीतेगी, भाजपा हारेगी! हम सब साथ हैं!
वहीं, सपा विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी एक्स पर कहा किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों को एमएसपी तो दिया नहीं अलबत्ते आंदोलनकारी किसानों के रास्ते में पहले कील-कांटे बिछाए फिर लाठी चार्ज, बुलेट (रबर) से फायरिंग व ड्रोन द्वारा आंसू गैस छोड़कर अन्नदाता भगवान रूपी किसानों का घोर अपमान जरूर किया। केंद्र सरकार के इस अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक कृत्य की घोर निंदा करता हूं।