खुशखबरी: अब शादी करने पर सरकार देगी 2,50,000 का नकद इनाम

(Pi Bureau) दिल्ली। शादी करों और ढाई लाख नगद पाओ, जी हा आप को सुनकर भले ही अचम्भा लगे लेकिन ये सच हैं की अब शादी करने पर सरकार आपको आर्थिक मदद के रूप में ढाई लाख देगी। अब अच्छे दिन के नाम पर भले ही आपके खाते में 15 लाख नहीं आये लेकिन अब आप ढाई लाख पाकर लखपति बन सकते हैं।

आपको बता दे कि यदि शादी करने की ख्वाहिश रखते हैं, तो बेझिझक आगे बढिए और पाईये ढाई लाख रुपये। हालांकि, शादी करने के लिए आपको सरकार की एक छोटी सी शर्त पूरी करनी होगी। आपको बता दे कि यदि दूल्हा या दुल्हन में से एक सवर्ण हो और एक अनुसूचित जाति का तो सरकार आपकी मदद के लिए तैयार हैं। इस स्कीम का नाम हैं, डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज’ स्कीम। इस योजना के तहत आपको दलित लड़के या लड़की से शादी करने पर मिलती है 2.5 लाख की मदद।

आपको बता दे कि राज्य सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य अस्पृश्यता निवारण के लिये अन्तर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन प्रदान करना है।

आपको बता दे कि इस योजना का लाभ लेने के लिये आवेदनकर्ता को सक्षम अधिकारी का जाति प्रमाण-पत्र व मूल निवासी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। आवेदकों के लिये आय सीमा का बन्धन नहीं है। इस योजना के लिये आवेदनकर्ता दम्पति को हिन्दू मैरिज एक्ट-1955 के तहत सक्षम अधिकारी का विवाह पंजीयन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यह आर्थिक मदद दलित लड़का या लड़की, दोनों ही मामलों में दी जाएगी। इसमें राज्य सरकारों द्वारा भी अलग से आर्थिक राशि दी जाती है। ‘डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज’ स्कीम 2013 में शुरू की गई थी।

अब शादी करने पर सरकार क्यों दे रही ₹2,50,000 ?

अब आर्थिक मदद पाने के लिए 5 लाख रुपये सालाना इनकम की सीमा भी खत्म कर दी है। यानी पांच लाख रुपये सालाना से अधिक कमाने वाले युवा भी इस योजना में फायदा ले सकते हैं। हां, अन्य स्कीमों की तरह इसमें भी आधार नंबर वाला बैंक खाता देना होना।समाज के बड़े बदलाव को प्रोत्साहन देना और ऐसा कदम उठाने वालों को विवाह के शुरूआती दिनों में अपने जीवन को व्यवस्तीत करने में मदद करना है।

इसकी एक अन्य शर्त यह भी है कि यह इंटरकास्ट मैरिज युवक-युवती की पहली शादी होनी चाहिए और यह हिंदू मैरिज एक्ट के तहत रिजस्टर्ड भी होनी चाहिए।और इसका एक प्रस्ताव सरकार को शादी के एक साल के भीतर भेज देना होगा।

भारतीय समाज अपनी ही जाति व्यवस्था की विचारधारा में जकड़ा हुआ है ऊँच नीच के चलते इंसानों का सामाजिक तौर पर विभाजन इस सभ्य समाज की सच्चाई हैं समाज में फैली जातिप्रथा को खत्म करने के लिए सरकार दलित के साथ इंटरकास्ट मैरिज यानी अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दे रही है इसके लिए सरकार बकायदा आर्थिक मदद भी कर रही है।

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