(Pi Bureau)
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई। पिछली तिमाही में यह 8.1 प्रतिशत थी। जीडीपी के ताजा आंकड़े विश्लेषकों की उम्मीद से बेहतर हैं।
चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए भी जीडीपी के आंकड़ों को संशोधित कर दिया गया है और इसे क्रमशः 8.2 प्रतिशत (7.8 प्रतिशत के बदले) और 8.1 प्रतिशत (7.6 प्रतिशत के बदले) कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2024 के लिए जीडीपी के अनुमान को भी 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत तक संशोधित कर दिया गया है।
एनएसओ ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के जीडीपी के आंकड़ों में भी संशोधन किया है। इसे पूर्व के अनुमान 7.2% की तुलना में 7% कर दिया गया है।
जनवरी में आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर 3.6% पर पहुंची
रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक, इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन से जनवरी में आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि दर घटकर 15 महीने के निचले स्तर 3.6 प्रतिशत पर आ गई। कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर दिसंबर में 4.9 प्रतिशत रही। जनवरी 2023 में यह 9.7 प्रतिशत थी।
विकास दर का पिछला निम्न स्तर अक्टूबर 2022 में रहा था जब इसे 0.9 प्रतिशत दर्ज किया गया था। संचयी रूप से भी, इन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि दर अप्रैल-जनवरी 2022-23 के 8.3 प्रतिशत की तुलना में घटकर 7.7 प्रतिशत हो गई।
रिफाइनरी उत्पादों और उर्वरक की उत्पादन वृद्धि नकारात्मक क्षेत्र में थी। समीक्षाधीन महीने के दौरान कोयला, इस्पात और बिजली के उत्पादन में वृद्धि की गति कम हो गई। हालांकि, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और सीमेंट उत्पादन में जनवरी में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ बुनियादी उद्योगों का योगदान 40.27 प्रतिशत है।