(Pi Bureau)
केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों को उनके महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में चार फीसदी बढ़ोतरी का तोहफा मिलेगा। आगामी सप्ताह में डीए/डीआर बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है। भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा 29 फरवरी को, जनवरी 2024 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू की रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 138.9 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू में 0.1 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मौजूदा समय में डीए/डीआर 46 फीसदी की दर से मिल रहा है। महंगाई भत्ते की दर, पचास फीसदी के पार होते ही सरकार को 8वें वेतन आयोग के गठन पर गंभीरता से विचार करना होगा। स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार बताते हैं, डीए की दर 50 फीसदी होते ही केंद्र सरकार के समक्ष आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग रखी जाएगी।
42 से बढ़कर 46 फीसदी हो गई थी डीए की दर
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा 29 फरवरी को जनवरी 2024 के लिए अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू की रिपोर्ट जारी की गई थी। इसमें औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 138.9 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। इससे सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद है कि एक जनवरी 2024 से उनके महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी होगी। अगले सप्ताह होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की दरों में वृद्धि की घोषणा संभव है। पिछले साल की दूसरी छमाही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद महंगाई भत्ता यानी ‘डीए’ की दर 42 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हो गई थी। अब पहली जनवरी 2024 से सरकारी कर्मियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
138.9 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ सूचकांक
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा जनवरी 2024 के लिए जारी अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू में 0.1 अंक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 138.9 अंकों के स्तर पर संकलित हुआ है। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.07 फीसदी की कमी रही है, जबकि एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.38 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है। यह संकलन, आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी होता है।
0.48 बिंदु प्रतिशतता से प्रभावित हुआ बदलाव
सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान आवास समूह का रहा है, जिसने कुल बदलाव को 0.48 बिंदु प्रतिशतता से प्रभावित किया है। मदों में मकान किराया, लेडिज शूटिंग, कैजुअल वेयर, सूती साड़ी, वुलन स्वेटर/पुलोवर, प्लास्टिक/पीवीसी जूते, सिलाई/कढ़ाई प्रभार, तंबाकू, विदेशी शराब और पान मसाला इत्यादि, सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे। इसके विपरित मुख्यत: प्याज, आलू, टमाटर, बैंगन, अदरक, मटर, पत्तागोबी, फूलगोबी, फ्रेंच बीन, भिंडी, केला, अंगूर, पपीता, अनार, ताजा नारियल, मिट्टी का तेल और कोयला आदि ने सूचकांक में दर्ज कमी को नियंत्रित करने का प्रयास किया है।
38 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच रही वृद्धि
केंद्र स्तर पर रानीगंज के सूचकांक में अधिकतम 4.2 अंक की वृद्धि रही है। इसके पश्चात रामगढ़ में 2.5 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य सात केंद्रों पर 1 से 1.9 अंक, 38 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि रही है। इसके विपरित, गुवाहाटी एवं त्रिपुरा, प्रत्येक में अधिकतम 1.7 अंक की कमी दर्ज की गई है। अन्य सात केंद्रों में 1 से 1.4 अंक तथा 30 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच कमी रही है। शेष दो केंद्रों का सूचकांक स्थिर रहा है। जनवरी 2024 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 4.91 फीसदी तथा गत वर्ष के इसी माह के 6.16 फीसदी की तुलना में 4.59 फीसदी रही है। खाद्य स्फीति दर पिछले माह के 8.18 फीसदी एवं एक वर्ष पूर्व इसी माह के 5.69 फीसदी की तुलना में 7.66 फीसदी रही है।
कई भत्तों में 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव
पिछले कई वर्षों से केंद्रीय कर्मियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी होती रही है। इस साल जनवरी में भी डीए की दरों में चार से पांच फीसदी तक की वृद्धि हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मियों की सेलरी रिवाइज होगी। वेतन के अलावा उनके कई भत्तों में भी 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाएगी। बतौर श्रीकुमार, केंद्र सरकार को आठवें वेतन आयोग का गठन करना होगा। सातवें वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि केंद्र में ‘पे’ रिवाइज हर दस साल में ही हो, यह जरूरी नहीं है। इस अवधि का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। यह पीरियोडिकल भी हो सकता है। हालांकि वेतन आयोग ने इसकी कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं दी है कि कब और कितने समय बाद वेतन आयोग गठित होना चाहिए।
केंद्र सरकार ने दिया है दो टूक जवाब
8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर केंद्र सरकार ने दो टूक जवाब दिया है कि अभी इसके गठन का कोई विचार नहीं है। इस पर करीब दो करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनरों की नाराजगी देखी जा रही है। कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा आठवां वेतन आयोग गठित न करने के फैसले को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही है। अब ‘भारत पेंशनर समाज’ ने भी 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठाई है। साथ ही कोरोनाकाल के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर जारी करने के लिए सरकार से आग्रह किया है। ‘भारत पेंशनर समाज’ (बीपीएस) के महासचिव एससी महेश्वरी ने बताया, 68वीं एजीएम के दौरान यह प्रस्ताव पास किया गया है कि अविलंब आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि मौजूदा परिस्थितियों में बिना किसी विलंब के आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए।