(Pi Bureau)
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने शनिवार की शाम पहली सूची जार कर दी। 195 उम्मीदवारों की इस सूची में 34 केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। इसमें से कई लोग दोबारा या तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली में तीन दिन के भीतर भाजपा की दूसरी बैठक घंटों चली। इस दौरान नामों को लेकर बड़ी गहमागहमी रही।
बैठक के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े ने पहले मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यों की सराहना की। विकास पर चर्चा की। कहा कि पिछले दस वर्षों में जनता के आशीर्वाद से इस बार भी भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलेगा। इसके बाद उन्होंने सूची के नामों को पढ़ना शुरू किया।
प्रदेश की 51 सीटों पर खोले पत्ते
कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। ऐसे में जाहिर है कि उत्तर प्रदेश की सीटों को लेकर काफी संजीदगी बरती गई होगी। हालांकि पहली सूची में प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 51 सीटों पर ही नाम की घोषणा की गई। इसमें आगरा, मथुरा जैसी हाईलाइट सीटों पर वर्तमान सांसदों को ही जगह दी गई है।
इस सीट को खोना नहीं चाहेगी भाजपा
मथुरा से हेमा मालिनी तीसरी बार तो आगरा से एसपी सिंह बघेल भाजपा से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। चुनाव से पहले हेमा मालिनी ने कई बार मीडिया के सामने मथुरा से ही चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। उनकी इस इच्छा पर पार्टी ने शनिवार को मुहर लगा दी। मथुरा पर्यटन की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही। साथ ही यह सीट भाजपा के धार्मिक एजेंडे पर भी फिट बैठती है। ऐसे में यह प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट है। इसे भाजपा कभी खोना नहीं चाहेगी।
आगरा से एसपी सिंह बघेल को फिर मौका
वहीं एसपी सिंह बघेल इससे पहले 2017 में टूंडला से विधानसभा चुनाव लड़कर जीते और योगी सरकार में मंत्री बने। 2019 में उन्हें आगरा से लोकसभा की टिकट मिली। पार्टी की उम्मीदों पर वह फिर खरा उतरे और जीत हासिल की। इस बार उन्हें केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया। अब 2024 चुनाव के लिए उन्हें आगरा से फिर प्रत्याशी बनाया गया है।
सूची जारी होने के बाद चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई हैं। लोगों को कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की इंतजार था। लेकिन, अभी उन सीटों पर भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अब इंतजार है दूसरी सूची का। फिलहाल पार्टी द्वारा जारी पहली सूची में सधा हुआ समीकरण नजर आया।
प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज
पहली सूची में भाजपा ने जातिगत और अनुभव दोनों पर सामंजस्य बैठाने की कोशिश की है। इसमें पार्टी ने अधिकतर पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। हां यह जरूर है कि भाजपा की सूची आने के बाद प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।