योगी सरकार ने यूपी में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने की दी मंजूरी, मिलेंगी ये…सुविधाएं

(Pi bureau)

योगी सरकार ने हाल ही में यूपी सेमीकंडक्टर नीति 2024 को मंजूरी देकर उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। इस नीति को लागू कर सीएम योगी ने प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग की रीढ़ कहे जाने वाले सेमीकंडक्टर्स के बड़े पैमाने पर निर्माण की राह काफी आसान कर दी है। इस नीति के तहत यूपी में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने के इच्छुक निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी के साथ ही इंटरेस्ट सब्सिडी, लैंड सब्सिडी, स्टांप फीस और रजिस्ट्रेशन फीस के साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी भारी राहत दी गई है। यही नहीं, योगी सरकार यहां सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने वाली कंपनियों को कौशल और प्रशिक्षण के लिए भी सहायता देगी, जबकि अनुसंधान एवं विकास केंद्र के साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) स्थापित करने पर भी उन्हें राहत प्रदान की जाएगी। माना जा रहा है कि यूपी की सेमीकंडक्टर नीति भारत को दुनिया की तीसरी आर्थिक ताकत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया की आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के तहत जारी सेमीकंडक्टर नीति प्रदेश और देश को इस इंडस्ट्री में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसमें निवेशकों को कई तरह से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। नीति में इसका पूरा उल्लेख किया गया है, जिसके अनुसार कैपिटल सब्सिडी के तहत भारत सरकार द्वारा अनुमोदित सब्सिडी का 50 प्रतिशत प्रदान किया जाएगा। वहीं इंट्रेस्ट सब्सिडी के रूप में अनुसूचित बैंकों/वितीय संस्थानों से प्राप्त ऋण पर 200 करोड़ रुपए तक के निवेश वाली इकाइयों को 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष (ब्याज की दर पर), प्रति इकाई प्रति वर्ष अधिकतम 1 करोड़ रुपए तक प्रतिपूर्ति 7 वर्षों तक की जाएगी। प्रति इकाई अधिकतम 7 करोड़ रुपए तक की ही इंटरेस्ट सब्सिडी प्राप्त हो सकेगी। इसके साथ ही, भूमि की दर में भी छूट प्रदान की जाएगी। राज्य अभिकरणों से भूमि क्रय करने पर प्रथम 200 एकड़ भूमि के लिए प्रचलित सेक्टर दरों पर 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी, जबकि इकाई अथवा सहायक इकाइयों के लिए भूमि के अतिरिक्त क्रय पर 30 प्रतिशत सब्सिडी की अनुमति होगी। इसके साथ ही स्टाम्प शुल्क और निबन्धन शुल्क के अंतर्गत भूमि की खरीद पट्टे पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।

10 वर्ष की अवधि के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट प्राप्त होगी। राज्य में स्थापित फैब इकाइयों को दोहरा पॉवर ग्रिड नेटवर्क प्रदान किया जाएगा। एक ग्रिड (दोनों में से कम) की लागत की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी, जबकि दूसरे ग्रिड की लागत निवेशक द्वारा वहन की जाएगी। इसके अतिरिक्त परियोजना के परिचालनरत होने की तिथि से 25 वर्ष की अवधि के लिए विद्युत की अंतःराज्यीय खरीद पर व्हीलिंग शुल्क/ ट्रॉसमिशन शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी।

कौशल और प्रशिक्षण के लिए भी मिलेगी सहायता

चिप डिजाइन और विनिर्माण क्षेत्र में सेमीकण्डक्टर उद्योग के सहयोग के लिए एक कुशल जनशक्ति पूल तैयार करने हेतु राज्य सरकार शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग के साथ सहयोग आमंत्रित करेगी। सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में सेमीकण्डक्टर कौशल और प्रतिभा विकास गतिविधियों की वृद्धि के लिए प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। इसके तहत, फैकल्टी प्रशिक्षण/तकनीकी कार्यशालाओं/जागरुकता कार्यक्रमों/विशेषज्ञ व्याख्यानों के लिए 5 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 60 लाख रुपए तक, कुल 3 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे। वहीं बीटेक और एमटेक स्नातकों के लिए मुख्यमंत्री इन्टर्नशिप योजना के अन्तर्गत 5 वर्षों तक प्रति वर्ष 500 छात्रों तक प्रति छात्र 20,000 रुपए की इन्टर्नशिप सहायता भी प्रदान की जाएगी। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की स्थापना में विश्व स्तरीय प्रतिभा को प्रवृत करने के लिए, ऐसी प्रतिभाओं के पारिश्रमिक की प्रतिपूर्ति हेतु वन टाइम सपोर्ट के रूप में 12 माह तक की अवधि में अधिकतम 1 करोड़ रुपए प्रति इकाई की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।

अनुसंधान एवं विकास केंद्र की स्थापना पर लागत के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी, जोकि अधिकतम 10 करोड़ रुपए की सीमा तक कुछ महत्वपूर्ण प्रतिबंधो के अधीन होगी। इसका लाभ इन इकाइयों को मिलेगा जिन्होंने अनुसंधान एवं विकास केंद्र में न्यूनतम 20 करोड़ रुपए का पात्र पूंजी निवेश किया हो। साथ ही औद्योगिक इकाई के भीतर या बाहर स्पष्ट रूप से सीमांकित सुविधा होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) / वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अथवा एसटीपीआई (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इण्डिया) में पंजीकृत होना चाहिए। सब्सिडी किश्तों में प्रदान की जाएगी, जिसमें से 50 प्रतिशत की प्रथम किश्त परियोजना का अनुमोदन प्रदान होने पर, 25 प्रतिशत की अगली किश्त अनुमोदन के 3 वर्ष बाद तथा 25 प्रतिशत की अंतिम किश्त 5 वर्ष में प्रतिबद्ध परिणाम प्राप्त होने पर प्रदान की जाएगी।

सेमीकण्डक्टर क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नीति के अन्तर्गत उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) के रूप में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने की परिकल्पना की गई है। नीति का उद्देश्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग संघों, उद्योग अथवा किसी अन्य शासकीय/निजी इकाई के सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाना है। उत्कृष्टता केंद्र की कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 10 करोड़ रुपए) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हालांकि अनुसंधान एवं विकास केंद्र और उत्कृष्टता केंद्र में से किसी एक पर ही सब्सिडी का लाभ मिलेगा, दोनों पर नहीं।

ये भी मिलेंगे लाभ

– पेटेंट रजिस्ट्रेशन हेतु किए गए शुल्क-व्यय के 75 प्रतिशत की दर से (एकमुश्त) प्रतिपूर्ति की जाएगी, जोकि घरेलू पेटेण्ट प्राप्त करने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपए तथा अन्तर्राष्ट्रीय पेटेण्ट प्राप्त करने के लिए अधिकतम 20 लाख रुपए की सीमा के अधीन होगी।

– इकाई के परिसर के 10 किमी के दायरे में श्रमिकों के आवास/छात्रावास और सम्बन्धित सामूहिक सुविधा के विकास की लागत का 10 प्रतिशत या 10 करोड़ रुपए जो भी कम हो, 7 समान वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जाएगा।

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