(Pi Bureau)
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से सपा के प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह होंगे। सपा के दिग्गज दावेदार टिकट की रेस में फेल हो गए। सपा ने दलित दांव चला है। हालांकि योगेश वर्मा को टिकट देकर भी यह दांव चला जा सकता था, मगर आपसी खींचतान में ऐसा नहीं हो सका।
दावेदारों की लखनऊ में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ शुक्रवार दोपहर बैठक हुई और इसके बाद शाम टिकट फाइनल कर दिया गया। अमर उजाला पहले ही आपसी खींचतान की वजह से किसी नए को टिकट देने की खबर प्रकाशित कर चुका था, यह अनुमान सही साबित हुआ है।
मेरठ से सपा के टिकट की दौड़ में किठौर विधायक शाहिद मंजूर, शहर विधायक रफीक अंसारी, सरधना विधायक अतुल प्रधान, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, पूर्व सांसद हरीश पाल के बेटे नीरज पाल, जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, अमरोहा से विधानसभा का सपा टिकट पर चुनाव लड़े मुखिया गुर्जर के नाम प्रमुखता में चल रहे थे।
इनके समर्थक सोशल मीडिया पर अपने-अपने नेता का टिकट फाइनल होने का दावा भी कर रहे थे। सोशल मीडिया पर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ फोटो भी पोस्ट कर रहे थे। इन दावेदारों को और उनके समर्थकों को जोर का झटका लगा है।
मंगलवार को भी हुआ था मंथन
मेरठ-हापुड़ लोकसभा से सपा के सिंबल पर चुनाव कौन लड़ेगा, इसे लेकर पहले मंगलवर को बैठक हुई थी। पूर्व और वर्तमान विधायक व पदाधिकारियों समेत 11 लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव से मिले थे। दावेदार ज्यादा थे, इसलिए टिकट फाइनल नहीं हो सका था। फिर से मंथन के लिए शुक्रवार को सभी को लखनऊ बुलाया गया था। इस बार 50 से ज़्यादा लोग गए थे।
बैठक में भी योगेश वर्मा और अतुल प्रधान की कलह आई सामने
पार्टी सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में जब टिकट को लेकर मंथन चल रहा था तो इस दौरान अतुल प्रधान और योगेश वर्मा के बीच आपसी कलह सामने आई। टिकट को लेकर दोनों ने जो अपने-अपने पक्ष रखे, वो एक दूसरे की बात को काट रहे थे। इससे यह अफवाह भी उड़ गई कि दोनों में कहासुनी हुई है। हालांकि दोनों नेताओं ने कहा कि कोई मनमुटाव नहीं है। न ही कोई कहासुनी हुई है।
सपा प्रत्याशी का प्रोफाइल
नाम- भानु प्रताप सिंह
पिता- पदम सिंह, रिटायर्ड एडीजे दिल्ली, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीति में सक्रिय रहे और चुनाव भी लड़ा
शिक्षा- बुलंदशहर प्राइमरी स्कूल से आठवीं, बुलंदशहर जीआईसी से स्कूलिंग, मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ कॉलेज से 1993 में लॉ की पढ़ाई पूरी की है।
प्रोफेशन- सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट
निवास- मूल रूप से बुलंदशहर से ताल्लुक रखने वाले भानु प्रताप सिंह इन दिनों राजेंद्र नगर साहिबाबाद में रहते हैं।
राजनीति प्रोफाइल- राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सक्रियता
ईवीएम हटाओ अभियान चलाया था। 13 अप्रैल 2022 को जहां जहां बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती थी वहां उन्होंने ईवीएम हटाओ अभियान चलाया था। ईवीएम के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने वाले एडवोकेट हैं। प्रेसवार्ता कर ईवीएम के खिलाफ खुलासा किया था। लखीमपुर खीरी कांड में शहीद किसानों की अंतिम अरदास में भी पहुंचे थे।
क्यों मिला टिकट
लगातार ईवीएम का मुद्दा उठाते रहे। पीडीए को मजबूत करने के लिए सपा ने यहां दलित चेहरा उतारा है। दलित समाज के उत्पीड़न की लगातार घटनाएं, दलितों का शोषण जैसे मामलों में दलित वर्ग के साथ खड़े होने का संदेश देते हुए सपा ने यह निर्णय लिया है। मेरठ में सपा में नेताओं में अंदरुनी कलह चल रही थी। इसी वजह से अखिलेश यादव ने यह फैसला लिया है।