(Pi Bureau) नई दिल्ली। कांग्रेस के लिए एक और राहत की खबर है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण को आदर्श हाउसिंग सोसाइटी केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
बंबई उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित आदर्श हाउसिंग घोटाला मामले में अशोक चव्हाण पर मुकदमे को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के फैसले को आज खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति आरवी मोरे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चव्हाण की याचिका पर सुनवाई के बाद राज्यपाल के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने संबंधित मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को मुकदमा दायर करने की अनुमति दी थी।
CBI ने दाखिल किया अशोक चव्हाण का नाम
अशोक चव्हाण उन 13 लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई ने आदर्श घोटाले में चार्जशीट दाखिल किया था। सीबीआई ने अपने पत्र के साथ दो सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट के अलावा मुंबई उच्च न्यायालय की वे टिप्पणियां भी भेजी थीं, जो 2014 में आपराधिक पुनर्वीक्षा आवेदन दाखिल करने पर की गई थी। जांच आयोग में न्यायाधीश जे.ए. पाटिल (सेवानिवृत्त) और पूर्व मुख्य सचिव पी. सुब्रमण्यम शामिल थे।
क्या था आदर्श घोटाला?
गौरतलब है कि आदर्श हाउसिंग सोसायटी के अपार्टमेंट कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के लिए थे। लेकिन नियम-कानूनों का उल्लंघन कर ये अपार्टमेंट सैन्य अफसरों, राजनेताओं तथा नौकरशाहों को आवंटित कर दिए गए। साल 2010 में यह घोटाला सामने आने के बाद महाराष्ट्र में सियासी तूफान खड़ा हो गया था। अंतत: तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफा देना पड़ा था।