(Pi Bureau)
यूपी की एक कोर्ट ने पूर्व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ ‘हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में एफआईआर का आदेश दिया है. उत्तर प्रदेश की एक एमपी-एमएलए अदालत ने शनिवार को वजीरगंज पुलिस स्टेशन को देवी लक्ष्मी के खिलाफ एक बयान के साथ हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप में पूर्व समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. मौर्य के खिलाफ विशेष अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने एक बयान पर जांच का आदेश दिया था, जो पूर्व सपा नेता ने एक्स पर दिया था.
इस मामले में शिकायतकर्ता रागिनी रस्तोगी का आरोप है कि पिछले साल 15 नवंबर को अखबारों में छपे स्वामी प्रसाद मौर्य के एक बयान से करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. उनकी शिकायत के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि जब विभिन्न धर्मों के लोग दो हाथ और दो पैरों के साथ पैदा हुए थे, तो लक्ष्मी चार हाथों के साथ कैसे पैदा हो सकती हैं. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मौर्य ने कई मौकों पर इसी तरह के बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में फरवरी 2024 में समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और राज्य विधान परिषद के सदस्य के रूप में भी यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि ‘मैं स्वच्छ राजनीति में भरोसा करता हूं… अलग होने के पीछे का कारण वैचारिक मतभेद है. मेरे और अखिलेश यादव के बीच वैचारिक मतभेद रहे हैं.’ उन्होंने कहा था कि ‘मैंने अखिलेश यादव को देखा, वह समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे हैं. मुझे मुलायम सिंह यादव के साथ भी काम करने का अनुभव है. वे कट्टर समाजवादी नेता थे.’ उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कहा कि ‘जो लोग उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं वे उनकी विचारधारा पर नहीं चल पा रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’