(Pi Bureau)
रूस में राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो गया है और अब नतीजे भी सामने आ चुके हैं। इन नतीजों में व्लादिमीर पुतिन को एक बार फिर जीत मिली है। युद्धग्रस्त देश में हुए चुनाव पर दुनियाभर की नजरें टिकी रहीं। पुतिन ने राष्ट्रीय जनमत संग्रह के जरिए में पांचवीं बार राष्ट्रपति बनने का रास्ता बना लिया है।
उधर सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी।
रूस के राष्ट्रपति चुनाव में क्या हुआ है?
व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को रूस के राष्ट्रपति चुनाव में एक रिकॉर्ड जीत हासिल की। इस जीत से सत्ता पर उनकी पहले से ही मजबूत पकड़ मजबूत हो गई। देश में जनमत संग्रह के जरिए तीन दिन तक मतदान की प्रक्रिया चली। मतदान सर्वेक्षक संस्था पब्लिक ओपिनियन फाउंडेशन (एफओएम) के एग्जिट पोल के मुताबिक, पुतिन ने 87.8% वोट हासिल किए। यह रूस के सोवियत इतिहास के बाद का सबसे बड़ा परिणाम है। रशियन पब्लिक ओपिनियन रिसर्च सेंटर (वीसीआईओएम) ने पुतिन को 87% पर रखा है।
नतीजों के अनुसार, कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोलाई खारितोनोव दूसरे स्थान पर रहे। निकोलाई को महज 4% वोट ही मिले। वहीं नवागंतुक व्लादिस्लाव दावानकोव तीसरे और लियोनिद स्लतस्की चौथे स्थान पर रहे।
चुनाव कैसे हुए थे?
रूसी चुनाव ठीक दो साल बाद हुआ है। करीब दो साल पहले 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन के बीच घातक युद्ध शुरू हुआ था। तीन दिवसीय चुनाव पर युद्ध की तलवार लटक रही है। रूस का दावा है कि यूक्रेन ने रूस में तेल रिफाइनरियों पर बार-बार हमला किया, रूसी क्षेत्रों पर गोलाबारी की और रूसी सीमाओं को भेदने की कोशिश की।
चुनाव अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रव्यापी मतदान 74.22% था। यह आंकड़ा 2018 के 67.5% के मतदान से भी ज्यादा था। यह चुनाव हजारों पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों की कड़ी सुरक्षा के बीच कराया गया। रूस में चुनाव के लिए 11.4 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे। रॉयटर्स के मुताबिक मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और येकातेरिनबर्ग में मतदान केंद्रों पर मतदाताओं, विशेष रूप से युवा लोगों की कतारें थीं।
पिछले दो दिनों में विरोध की घटनाएं भी हुईं। कई जगह मतदान केंद्रों में आग लगा दी गई या मतपेटियों में हरा रंग डाल दिया गया। विरोधियों ने खराब हुए मतपत्रों की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पोस्ट कीं। समूह ओवीडी-इन्फो के अनुसार, पूरे रूस में रविवार को कम से कम 74 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
नतीजों के बाद पुतिन ने क्या कहा?
इस जीत के साथ पुतिन राष्ट्रपति के रूप में एक और पारी खलने के लिए तैयार हैं। 71 वर्षीय पुतिन छह साल के नए कार्यकाल पूरा करने पर जोसेफ स्टालिन को पीछे छोड़ देंगे। वह 200 से अधिक वर्षों तक रूस के सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले नेता बन जाएंगे। लेफ्टिनेंट कर्नल रह चुके पुतिन पहली बार 1999 में सत्ता में आए थे।
जीत के बाद पुतिन ने मॉस्को में अपने समर्थकों के बीच एक विजयी भाषण दिया। उन्होंने समर्थकों से कहा कि वह यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान से जुड़े कार्यों को हल करने को प्राथमिकता देंगे और रूसी सेना को मजबूत करेंगे।
पुतिन ने कहा, ‘हमारे सामने कई काम हैं। हमें डराने वाला और हमें दबाने वाला इतिहास में कोई भी कभी सफल नहीं हुआ है। वे अब भी सफल नहीं हुए हैं और वे भविष्य में भी कभी सफल नहीं होंगे।’ पुतिन ने संवाददाताओं से कहा कि वह रूस के चुनाव को लोकतांत्रिक मानते हैं और कहा कि उनके खिलाफ नवलनी-प्रेरित विरोध का चुनाव के नतीजे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
दुनिया के देशों ने पुतिन की जीत पर क्या कहा?
रूस में संपन्न हुए चुनाव पर दुनियाभर की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। पश्चिमी देशों ने चुनावों की आलोचना की है। रूस के साथ युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि पुतिन हमेशा के लिए शासन करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘चुनाव की कोई वैधता नहीं है और न ही हो सकती है।’
अमेरिका ने चुनाव को लेकर कहा कि ये स्पष्ट रूप से न तो स्वतंत्र और न ही निष्पक्ष थे। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं क्यों पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को कैसे कैद किया और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका।’
जर्मनी ने भी रूस में चुनाव को स्वतंत्र है और निष्पक्ष मानने से इनकार किया है और कहा कि परिणाम किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि पुतिन का शासन सेंसरशिप, दमन और हिंसा पर निर्भर है। यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में चुनाव अमान्य और अंतरराष्ट्रीय कानून का एक और उल्लंघन है।
हालांकि, चीन ने रूसी चुनावों पर पुतिन का समर्थन किया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि व्लादिमीर पुतिन की जीत उनके लिए लोगों के समर्थन को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि चीन, रूस के साथ आगे करीबी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए तैयार है।