(Pi Bureau)
विजिलेंस ने राज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर धनेंद्र कुमार पांडेय को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए मंगलवार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। वह एक कंपनी से 20 लाख रुपये का जीएसटी रिफंड देने के बदले दो लाख रुपये मांग रहे थे। कंपनी ने इसकी शिकायत विजिलेंस की हेल्पलाइन पर की, जिसके बाद डिप्टी कमिश्नर को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया गया। विजिलेंस की टीम उससे विभूति खंड थाने में पूछताछ कर रही है। उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
बता दें कि विजिलेंस की हेल्पलाइन 9454401866 पर एक्सपोर्ट का काम करने वाली कंपनी आर्डेम डाटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि ने शिकायत की थी कि राज्य कर के डिप्टी कमिश्नर धनेंद्र कुमार पांडेय उनकी कंपनी का जीएसटी रिफंड स्वीकृत करने के बदले दो लाख रुपये रिश्वत मांग रहे हैं।
विजिलेंस के एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने शिकायतकर्ता को कार्यालय बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि केंद्र सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों को जीएसटी में विशेष छूट का प्राविधान किया है। यदि कोई फर्म निर्यात करने के प्रयोजन से विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय पर विभिन्न दरों से जीएसटी का भुगतान करती है, तो वह फर्म अपने ऐसे खर्चों पर दिए गये जीएसटी का रिफंड क्लेम कर सकती है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी कंपनी पिछले कई वर्षों से अमेरिका की कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गये स्कैन्ड डाटा शीट्स को एक डैशबोर्ड में डिजिटल फार्म में तैयार कर वापस भेजती है।
लखनऊ सेक्टर में केस दर्ज
शिकायत सही पाए जाने पर एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने अपनी टीम को डिप्टी कमिश्नर को ट्रैप करने भेजा। टीम ने शिकायतकर्ता को शाम चार बजे दो लाख रुपये देकर भेजा, जिस पर केमिकल लगा था। जैसे ही डिप्टी कमिश्नर ने रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली, उसे दबोच लिया गया। डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ विजिलेंस के लखनऊ सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया है।