राज्यसभा में नहीं बोलने दिया तो सचिन ने फेसबुक पर शेयर किया ये वीडियो

नई दिल्ली। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर राज्यसभा में अपनी डेब्यू स्पीच सदन में चल रहे गतिरोध और हंगामे के कारण नहीं दे सके, तो एक दिन बाद उन्होंने अपनी बात देशभर में पहुंचाने के लिए सोशल साइट फेसबुक का मंच चुना और अपनी बात रखी। तेंदुलकर ने आज कहा, ‘‘ जब कोई खिलाड़ी सिर्फ खेल को अपने करियर के तौर पर चुनता है तो उसके सामने हमेशा वित्तीय सुरक्षा की चुनौती होती है। मुझे पता है कि सरकार विभिन्न संस्थानों की मदद से खिलाडिय़ों को रोजगार मुहैया कराती है और उनका समर्थन करती है जिसकी हम सब तारीफ करते है।’’

भारत रत्न से सम्मानीत से इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ लेकिन बहुत सारे राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर के संन्यास ले चुके खिलाडिय़ों के पास कोई स्थायी रोजगार नहीं है। उनकी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के साथ हमें उनके दिमाग का उपयोग भी करना होगा। उनके कौशल और खेल के प्रति जुनून का इस्तेमाल भविष्य के खिलाडिय़ों को कोचिंग देने के लिए किया जा सकता है।’’ तेंदुलकर ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना (सीजीएचएस) में शामिल करने की मांग की थी।

सचिन ने राष्ट्रीय स्तर के हाकी खिलाड़ी झारखंड के नाउरी मुंडू का उद्हारण देते हुए कहा कि वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षण कार्य करने के साथ खेत का भी काम करते है। ऐसी ही कहानी 2011 एथेंस विशेष ओलंपिक में पदक जीतने वाली सीता साहू की है जो गोलगप्पे बेचती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोई ऐसी संस्था बनाने की जरूरत है जिसके तहत इन खिलाडिय़ों से स्कूलों में प्रशिक्षण दिलवाने और कम उम्र में सही प्रतिभा की तलाश करवाने की जरूरत है। ये खिलाड़ी समाज को काफी कुछ दे सकते हैं।’’ तेंदुलकर ने राष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के लिए स्वास्थ्य बीमा की जरूरत पर भी जोर दिया।

 

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