(Pi bureau)
National Highways पर होने वाले Toll Plaza जल्द ही खत्म होने वाले हैं! ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद इस बात की पुष्टि की है। उन्होने कहा है कि देश में जल्द ही नया टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू होने वाला है। आइए, पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने कहा है कि टोल बैरियर्स को Satellite-Based टोल कलेक्शन सिस्टम से बदल दिया जाएगा, जो वाहनों से शुल्क काटने के लिए जीपीएस और कैमरे का उपयोग करेगा। गडकरी ने कहा है कि नया Toll Collection System इस साल मार्च से लागू हो हो सकता है। वर्तमान में इसकी व्यवहार्यता का परीक्षण करने के लिए GPS-Based टोल कलेक्शन का एक पायलट रन चल रहा है।
नई टोल संग्रह प्रणाली सीधे उपयोगकर्ता के बैंक खाते से शुल्क काट लेगी। टोल की राशि इस बात पर निर्भर करेगी कि वाहन ने कितनी दूरी तय की है। ये सारी जानकारी जीपीएस के जरिए जुटाई जाएगी। वर्तमान में वाहन द्वारा तय की गई दूरी की परवाह किए बिना हर प्लाजा पर टोल शुल्क तय है।
पिछले साल दिसंबर में, गडकरी ने घोषणा की थी कि नई सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली इस महीने के अंत तक लागू की जाएगी। हालांकि, लोकसभा चुनाव के लिए चल रही आदर्श आचार संहिता के कारण कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया गया है। बुधवार (27 मार्च) को गडकरी ने बताया कि नई टोल टैक्स प्रणाली कैसे समय और ईंधन बचाने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा वर्तमान में फास्टैग (आरएफआईडी तकनीक) के माध्यम से टोल शुल्क काटते हैं। इसे 15 फरवरी, 2021 से अनिवार्य टोल संग्रह प्रणाली के रूप में लागू किया गया था। आरएफआईडी-सक्षम बैरियर से लैस टोल प्लाजा पर टोल शुल्क काटा जाता है। बैरियर पर लगे कैमरे वाहनों की फास्टैग आईडी को पढ़ते हैं और पिछले टोल प्लाजा से दूरी के आधार पर शुल्क लेते हैं। टोल शुल्क का भुगतान भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को किया जाता है।