मायावती की इस सीट पर पैनी नजर, छह लोगों ने कर रखी दावेदारी लेकिन…

(Pi bureau)

सुलतानपुर लोकसभा सीट से दाेबार विजेता और पिछली बार रनर रहने वाली बसपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले। वह इस बार नए और मजबूत प्रत्याशी की तलाश कर रही है, जो अब तक पूरी न हो सकी। इस बीच खबर है कि टिकट के दावेदारों से पार्टी मुखिया मायावती की दो चक्रों में मुलाकात भी हो चुकी है। उनकी इस सीट पर पैनी नजर है। जल्द ही नाम की घोषणा हाेने की उम्मीद है। बसपा की स्थिति को लेकर प्रस्तुत है।

2019 के चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन था। यह सीट बसपा के खाते में गई थी। उसने पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू को चुनाव मैदान में उतारा था। भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री मेनका गांधी से हुए कड़े मुकाबले में सोनू को शिकस्त का सामना करना पड़ा। अब इस बार न तो सोनू बसपा में हैं और न ही सपा से गठबंधन ही हो सका। बसपा अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

इसके लिए किसी नए और मजबूत चेहरे की तलाश चल रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि टिकट के लिए करीब छह लोगों ने दावेदारी कर रखी है। इनमें प्रमुख रूप से एक मुस्लिम और पिछड़ी जाति के दावेदार को टिकट की दौड़ में आगे बताया जा रहा है। वहीं, कुछ लोग सामान्य जाति के प्रत्याशी के नाम पर अंदरखाने मंथन होने की बात कह रहे हैं। बसपा इस सीट पर दो बार जीत दर्ज कर चुकी है।

1999 जय भद्र सिंह व 2004 के चुनाव में मो. ताहिर खां सांसद बने थे। दोनों चुनावों में समाजवादी पार्टी मुख्य मुकाबले में थी। ऐसे में दो बार विजेता और पिछले चुनाव की स्थिति को देखते हुए इस चुनाव में भी बसपा मजबूत लड़ाई की जुगत में है। इस कारण प्रत्याशी के चयन को लेकर फूंक फूंककर कदम रख रही है। अन्य प्रमुख दलों की बात करें तो आइएनडीआइ गठबंधन में यह सीट सपा के कोटे में गई है।

उसने भीम निषाद को प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा ने एक बार फिर वर्तमान सांसद मेनका गांधी पर भरोसा जताया है। ऐसे में बसपा के रुख का हर किसी को इंतजार है। पार्टी जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार गौतम का कहना है कि जल्द ही तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। हम लोग पार्टी नेतृत्व के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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