किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा दावा, कहा-लोग भाजपा को वोट नहीं देंगे, लेकिन……!!!

(Pi Bureau)

किसान नेता राकेश टिकैत ने सभी राजनीतिक दलों से किसानों का ‘मोहभंग’ होने का दावा करते हुए मंगलवार को कहा कि लोगों को लोकसभा चुनाव में अपने विवेक का इस्तेमाल कर सही उम्मीदवार के लिए मतदान करना चाहिए. किसी भी राजनीतिक दल को खुला समर्थन देने से इनकार करते हुए टिकैत ने कहा कि जब आदर्श आचार संहिता लागू है तो वह अपनी पत्नी तक से नहीं कहेंगे कि किसे वोट देना है, लेकिन जो लोग उन्हें (टिकैत को) जानते हैं उन्हें पहले से पता है कि कौन सी पार्टी या उम्मीदवार किसानों के लिए अच्छा है.

टिकैत ने दावा किया कि लोग भाजपा को वोट नहीं देंगे, लेकिन पार्टी फिर भी जीत सकती है. उन्होंने चुनाव में धांधली होने का आरोप लगाया. वह, अब रद्द किये जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के किसान आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे. भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता ने दावा किया कि भाजपा महज एक राजनीतिक पार्टी नहीं रह गई है, यह उन बड़े उद्योगपतियों के लिए एक मोर्चा बन गई है जो किसानों की जमीन हड़पना चाहते हैं.

टिकैत ने कहा, “किसानों का मोहभंग हो गया है लेकिन वे हताश नहीं हैं.” यह पूछे जाने पर कि क्या किसान और जाट समुदाय का भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल सहित सभी दलों से मोहभंग हो गया है, उन्होंने कहा, “वे अपना वोट देंगे और वापस आकर प्रदर्शन में शामिल होंगे.” टिकैत ने कहा कि किसान अपने विवेक से किसी को भी वोट दे सकते हैं, लेकिन उन्हें आंदोलन के साथ बने रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, “नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन नहीं दबाया जाना चाहिए. केवल वही लोग नोटा का बटन दबाएंगे जिन्होंने उम्मीद खो दी है.” यह पूछे जाने पर कि किसानों और उनके समुदाय के लिए उनकी क्या सलाह है, प्रमुख जाट नेता ने कहा, “हमने लोगों से अपने विवेक के अनुसार वोट देने को कहा है.” उन्होंने कहा, “आपको जो सही उम्मीदवार लगता है, जो आपकी बात सुने, उन्हें वोट दें और फिर आंदोलन में वापस आएं.”

उन्होंने कहा, “जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, हमने उनसे कहा है कि यदि आप अपने निर्वाचन क्षेत्र में मतगणना से 24 घंटे पहले 100 ट्रैक्टर और एक हजार लोग जुटा सकते हैं तो आप जीत जाएंगे. जिनके पास यह संख्या नहीं होगी वे हार जाएंगे.” टिकैत ने कहा कि ना तो उन्होंने और ना ही उनके संगठन ने 2014 में भाजपा का समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि उस वक्त मुख्य विपक्षी दल के तौर पर भाजपा ने किसानों से कई वादे किये थे और यह उम्मीद थी कि वे कुछ बदलाव लाएंगे.

उन्होंने कहा, “जब कोई पार्टी विपक्ष में होती है वह लोगों की आवाज उठाती है. जब कांग्रेस सत्ता में थी हमने उसका विरोध किया था.” टिकैत ने कहा, “(भाजपा के वरिष्ठ नेता) डॉ मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह ने कई बार हमारी सभाओं में हिस्सा लिया. यहां तक कि उन्होंने हमारे साथ मंच भी साझा किये थे.”

उन्होंने कहा, “भूमि अधिग्रहण अधिनियम (उचि‍त मुआवजा एवं पारदर्शि‍ता का अधि‍कार, सुधार तथा पुनर्वास अधि‍नि‍यम, 2013) को आगे बढ़ाने में विपक्ष की एक बड़ी भूमिका थी. हमने सोचा था कि एक बेहतर सरकार आएगी, हमने किसी का विरोध नहीं किया था, हम, लोगों के साथ गए.”

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में, लोगों के मिजाज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “वोट जाति, धर्म के आधार पर दिया जाता है और यह देखा जाता है कि उम्मीदवार कौन है…” लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान होना है. चुनाव में, सत्तारूढ़ दल और स्थानीय प्रशासन द्वारा संभावित धांधली किये जाने के आरोप लगाते हुए टिकैत ने कहा, “यह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हुआ था, उन्हें 80 से भी कम सीट पर जीत मिलतीं, लेकिन उन्होंने आधिकारिक रूप से 255 सीट हासिल की.”

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि कोई भाजपा में शामिल हो जाता है तो उसकी जीत की गारंटी है. उन्होंने दावा किया, “वे पूरे उप्र में 65-70 सीट से अधिक नहीं जीत पाते. उन्होंने ‘एक डीएम (जिलाधिकारी) एक सीट फॉर्मूले का इस्तेमाल किया क्योंकि उनकी पार्टी नहीं जीतने वाली थी.” यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईवीएम में छेड़छाड़ किये जाने के बारे में बात कर रहे हैं जैसा कि कुछ विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है, टिकैत ने कहा, “ईवीएम में छेड़छाड़ करने की क्या जरूरत है? क्या कभी ईवीएम की फिर से गिनती की गई?”

उन्होंने कहा कि भाजपा में नेता भर्ती अभियान जोरशोर से चल रहा है. उन्होंने दावा किया, “तीन तरह से लोगों को शामिल किया जा रहा. पहले में, नाश्ते पर शामिल होने वाले लोग हैं. जो कहते हैं कि वे सम्मान के अलावा और कुछ नहीं चाहते. दूसरे वे हैं जो दोपहर के भोजन के बाद शामिल होते हैं, जिन्हें अपने व्यवसाय चलाने हैं.” उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “तीसरी श्रेणी उन लोगों की है जो रात में शामिल होते हैं, उन्हें जबरन शामिल कराया जाता है. यदि राजा चाहता है कि आप उसकी ओर आएं तो आपको जाना होगा.”

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