(Pi bureau)
अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुप्रिडेंटेंट को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में सीएम ने कहा है कि मैंने अखबार में तिहाड़ प्रशासन का बयान पढ़ा है। मुझे बयान पढ़कर दुख हुआ है। तिहाड़ के दोनों बयान झूठे हैं। मैं रोज इन्सुलिन मांग रहा हूं। मैंने गुलुको मीटर की रीडिंग दिखाया बताया कि दिन में 3 बार शुगर बहुत हाई जा रही है। शुगर 250 से 320 के बीच जाता है। एम्स के डॉक्टरों ने कभी भी नहीं कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। वो डाटा और हिस्ट्री देखकर बताएंगे। तिहाड़ का प्रशासन राजनीतिक दवाब में झूठ बोल रहा है।
तिहाड़ प्रशासन के पहले बयान पर केजरीवाल बोले
अतिहाड़ प्रशासन का पहला बयान है कि अरविंद केजरीवाल ने इन्सुलिन का मुद्दा कभी नहीं उठाया है। यह सरासर झूठ है। मैं पिछले 10 दिन से लगातार इन्सुलिन का मुद्दा उठा रहा हूं, दिन में कई बार उठा रहा हूं। जब भी कोई डॉक्टर मुझे देखने आया तो मैंने बताया कि मेरा शुगर लेवल बहुत हाई है। मैंने ग्लूको-मीटर की रीडिंग दिखा कर बताया कि दिन में 3 बार पीक आती है और शुगर लेवल 250-320 के बीच जाता है।
तिहाड़ प्रशासन का दूसरा बयान
मैंने बताया कि फास्टिंग का शुगर लेवल रोज 160-200 पर है। मैंने रोज इन्सुलिन की मांग की है। तो आप यह झूठा बयान कैसे दे सकते हैं कि केजरीवाल ने कभी इन्सुलिन का मुद्दा नहीं उठाया? तिहाड़ प्रशासन का दूसरा बयान है कि एम्स के डॉक्टर ने आश्वस्त किया है कि कोई चिंता की बात नहीं है। यह भी सरासर झूठ है। एम्स के डॉक्टर ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने शुगर लेवल का और मेरे स्वास्थ्य से जुड़ा पूरा डाटा मांगा, और कहा कि डाटा को देखने और विश्लेषण करने के बाद वो अपनी राय देंगे। मुझे बहुत दुख है कि आपने राजनैतिक दबाव में आ कर झूठे और गलत बयान दिये हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि आप कानून और संविधान का पालन करेंगे।