(Pi Bureau)
भारत में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्माया हुआ है। जहां मंगलसूत्र और संपत्ति को लेकर वार-पलटवार अभी थमा नहीं था। वहीं, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा द्वारा अमेरिका के विरासत कर पर दिए बयान पर विवाद गहरा गया है। हालांकि, बढ़ते विवाद को देखते हुए अब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनका बयान व्यक्तिगत था।
तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया
पित्रोदा ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में विरासत कर पर मैंने एक व्यक्ति के तौर पर जो कहा उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में पीएम जो झूठ फैला रहे हैं, उससे ध्यान हटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री का मंगलसूत्र और संपत्ति को लेकर दिया गया बयान वास्तविकता से परे है।’
पित्रोदा ने भाजपा पर पलटवार कहा, ‘कौन कह रहा है कि 55 फीसदी छिन लिया जाएगा? किसने कहा कि ऐसा कुछ भारत में होना चाहिए? भाजपा और मीडिया इतनी परेशान क्यों है?’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने अनेरिका में एक टीवी चैनल पर अमेरिकी विरासत कर का एकमात्र उदाहरण दिया था। क्या मैं सही तथ्यों का हवाला नहीं दे सकता हूं? मैंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को बात करनी चाहिए। इसका कांग्रेस या किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना देना नहीं है।’
दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र कर रहे हैं। उनका कहना है, ‘अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प नियम है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। हालांकि पूरी नहीं, आधी ही। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।’